यूपी के बरेली में पुलिस-प्रशासन ने शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन को लेकर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। छतों से लेकर जमीन तक पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। पांच एडिशनल एसपी और 13 सीओ के नेतृत्व में पुलिस व पीएसी के 47सौ जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी। एसएसपी ने साफ कहा है कि प्रदर्शन में बच्चों को आगे करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनके माता-पिता की भी जिम्मेदारी तय होगी।
शुक्रवार की धरना प्रदर्शन एवं पैदल मार्च की घोषणा को लेकर गुरुवार शाम डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने फोर्स के साथ सिविल लाइंस, बिहारीपुर, आजमनगर समेत शहर के प्रमुख इलाकों में पैदल गश्त कर लोगों से जनसंवाद किया। इसके अलावा सभी थाना प्रभारियों के नेतृत्व में पूरे जनपद में पैदल मार्च किया गया। इसमें मिशन शक्ति के तहत आठ सौ महिला पुलिसकर्मियों के अलावा अन्य पुलिसकर्मी व पीएसी के जवान मौजूद रहे। इस दौरान अफसरों ने साफ किया कि बिना अनुमति कोई भी प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। कानून व्यवस्था का हर हाल में पालन कराया जाएगा। अफसरों ने साफ किया कि प्रदर्शन में कोई बच्चों को आगे करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उसके माता-पिता की भूमिका की भी जांच होगी।
आठ ड्रोन और 15 क्यूआरटी तैनात
शुक्रवार को निगरानी के लिए पुलिस की आठ ड्रोन टीमें तैनात की गई हैं। इनके अलावा 15 क्यूआरटी बनाई गई हैं, जो जरूरत के मुताबिक फील्ड में मूवमेंट करेंगी। इसके अलावा आई ट्रिपल सी के कैमरों के जरिये निगरानी की जाएगी। छतों से निगरानी के लिए रूफ टॉप ड्यूटी भी लगाई गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बाहर से भी फोर्स मंगाई गई है।
डीएम अविनाश सिंह ने बताया, कुछ लोगों ने बिना अनुमति धरना प्रदर्शन और पैदल मार्च करने की बात कही है। जनपद में धारा 163 लागू है, बिना अनुमति कोई भी आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। मिशन शक्ति के तहत महिला पुलिसकर्मियों व अन्य बल के साथ पैदल मार्च कर सुरक्षा का अहसास कराया गया है। किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
एसएसपी अनुराग आर्य का कहना है कि शांति-सद्भाव चाहने वालों के साथ पुलिस हर कदम पर मौजूद है। अगर कोई कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने का प्रयास करेगा तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। बच्चों को आगे करने वालों से भी पुलिस कोई रियायत नहीं करेगी। प्रदर्शन की घोषणा करने वालों से भी वार्ता की जा रही है कि ताकि कानून व्यवस्था कायम रहे।




