सुभासपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह चिट्ठी के जवाब का 15 दिन इंतजार करेंगे। इसके बाद वह जनता के बीच होंगे और जनता को राजनीतिक दलों की मंशा बताएंगे। राजनीतिक दलों को साफ करना होगा कि वह केवल पिछड़ों का वोट ही लेंगे या उन्हें उनका हक भी देंगे।
ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, निषाद पार्टी, आरजेडी और अपना दल (एस) के अध्यक्षों को पत्र लिखकर ओबीसी आरक्षण को तीन श्रेणियों में बांटने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र लिखा था। शनिवार को इस मसले पर उन्होंने कहा कि हुकुम सिंह समिति की रिपोर्ट जब आई थी, तब भाजपा की सरकार जा चुकी थी। इसके बाद सपा और बसपा की सरकारें रहीं, लेकिन उन्होंने समिति की सिफारिशें लागू नहीं कीं। अब रोहिणी आयोग की रिपोर्ट केंद्र के पास है। उसमें भी पिछड़ी जातियों में आरक्षण के बंटवारे का सुझाव है। राजभर ने कहा कि जैसे पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था लागू है, उसी तरह विधान सभा और लोकसभा चुनावों में भी आरक्षण की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। इसके बाद ही अति पिछड़ी जातियों को उनका हक मिलेगा।
ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार को कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पीडीए का मतलब परिवार डवलपमेंट अथॉरिटी (परिवार विकास प्राधिकरण) है। उनकी पीडीए पाठशाला में ‘ए’ से अखिलेश, ‘डी’ से डिंपल और ‘पी’ से परिवार पढ़ाया जाता है। वह बताएं कि राजभर, प्रजापति, पाल, चौहान, लोहार, विश्वकर्मा, निषाद, बिंद, केवट, मल्लाह, कश्यप, अर्कवंशी, बंजारा, बहेलिया, मौर्य, सैनी, माली और कुशवाहा कहां जाएं? किस्मत के नाम पर पिछड़ी जातियों के साथ अब तक बहुत अन्याय हुआ। अब नहीं होने देंगे।




