नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में नागराकाटा इलाके में एक चिंताजनक और संवेदनशील स्थिति सामने आई है। सोमवार को बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक डॉ. शंकर घोष बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर राहत सामग्री वितरित कर रहे थे।
इसी दौरान उनके काफिले पर एक भीड़ ने उन पर पत्थर, चप्पल, जूते और लाठी-डंडे से हमला बोला। इस हमले में सांसद मुर्मू गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्हें सिर पर गहरी चोटें आयीं और उनका चेहरा लहूलुहान हो गया। विधायक शंकर घोष कुछ कम घायल हुए, लेकिन उन्हें भी चोट पहुंची।
बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करते समय दिया घटना को अंजाम
घटना के समय मुर्मू और घोष बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर राहत एवं समर्थन दे रहे थे। तभी काफिले से कुछ दूरी पर ही अचानक हमला शुरू हो गया। राजनीतिक दलों के अनुसार, मुर्मू की कार के शीशे टूट गए और वाहन भी तोड़ा गया।
बीजेपी ने इस हमले को टीएमसी की सोची-समझी साजिश बताया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और “जंगल राज” ने राज्य को घेर रखा है। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि यह हमला “टीएमसी गुंडों” ने किया है और ममता बनर्जी की सरकार की भूमिका संदिग्ध है।
वेंदु अधिकारी ने TMC पर लगाया आरोप
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भयभीत हो चुकी हैं और उन्होंने बीजेपी नेताओं पर हमले को भड़काने की कोशिश की है। उनका कहना है कि इस तरह की हिंसा ने राज्य की राजनीति को और हिंसक बना दिया है पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जगह पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की है। अभियानों की शुरुआत कर दी गई है और संदिग्धों की पहचान के लिए तस्वीरें व वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है।
राजनीतिक हिंसा भड़क गई
इस घटना का राजनीतिक महत्व भी बहुत गहरा है, क्योंकि अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस हमले से राज्य में सियासी सरगर्मी और तनाव बढ़ गया है। बीजेपी इस हमले को चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रही है और टीएमसी इसे चुनावी प्रचार की ओर मोड़ने का प्रयास कर सकती है। विरोधी दलों और राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं।
घायल सांसद को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया है, लेकिन फिलहाल उनकी जान खतरे में नहीं बताई जा रही। घटना ने राज्य की राजनीतिक संवेदनशीलता को फिर से उजागर कर दिया है।
सम्पादक श्री मुहीत चौधरी




