





मुरादाबाद में स्वारियों से लदा टैंपो गांगन नदी में गिरने से बाल-बालबचा।बरेली में गूगल मैप ने टूटे पुल की लोकेशन देकर तीनजिंदगी खत्म कर दी। कुछ ऐसी ही हालात मुरादाबाद मंभी हैं। यहां गांगन नदी पर बने पुराने पुल की रेलिंग 20दिन से टूटी हुई है। जिसकी वजह से सवारियों से लदाएक टैंपो नदी में गिरने से बाल-बाल बचा। रेलिंग नहींहोने की वजह से टैंपो नदी में लटक गया। गनीमत रहीकि टूटी रेलिंग में फंसने से टैंपो नीचे गिरने से बच गया।नहीं यहां भी बड़ा हादसा हो सकता था।मुरादाबाद में लाकड़ी तिराहे से चंद कदम निकलते हीमझोला थाने से पहले गांगन नदी पर अगल-बगल दोपुल बने हैं। इनमें से नीचे की साइड बने पुराने पुल कीरेलिंग 20 दिन पहले टूट गई। हालांकि ये पुल जर्जर है।और 2016 में इस पर ट्रैफिक भी रोक दिया गया था।कई महीने तक इस पुल पर ट्रैफिक बंद रहा। लेकिन बादमें यहां बिना ठोस मरम्मत के पुल पर यातायात फिर सेशुरू कर दिया गया।हर रोज गुजरते हैं अधिकारी , शायद किसी हादसे काइंतजारमुरादाबाद में तैनात छोटे-बड़े सभी अधिकारी इस पुलसे होकर गुजरते हैं। दिल्ली हाईवे को शहर से कनेक्टकरने के लिए यही पुल एकमात्र जरिया है। लेकिन इसीटूटी रेलिंग पर किसी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी है।अधिकारियों को शायद यहां भी बरेली जैसे किसी बड़ेहादसे का इंतजार है। सवारियों से लदा टैंपो नदी मेंझूलने के बाद भी अधिकारियों की नींद नहीं टूटी है। पुलयूं ही जर्जर हालत में पड़ा हुआ है।झाड़ियों में लगा दीं महापुरुषों की मूर्तियां, पुल कीमरम्मत याद नहीं आईशहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर इसी गांगन पुल परझाड़ियों में महापुरुषों की पत्थर की मूर्तियां तो लगादी गई। लेकिन यहां टूरटे पुल की मरम्मत की यादअधिकारियों को नहीं आई। शहर को स्मार्ट बनाने केनाम पर करोड़ों रुपए पत्थरों की प्रतिमाओं में लगानेवाली अफसरशाही प्रतिमाएं लगाने से पहले पुल कीपटरियों की झाड़ियां तक साफ नहीं करा सकी। जिसकेलिए किसी अतिरिक्त बजट की आवश्यकता भी नहींथी। सिर्फ नगर निगम के सफाई कर्मचारियों से सफाईहोनी थी।दिल्ली रोड को जाम में झोंक रहे अधिकारी, कोई विजननहींमुरादाबाद को स्मार्ट बनाने के नाम पर शहर की सड़कोंके किनारे पत्थर और लोहा लगाकर सड़कों को संकराबना दिया गया है। शहर की बढ़ती आबादी और जरूरतोंके मुताबिक सड़कों के चौड़ीकरण के बजाए अधिकारीलोहे और पत्थरों में करोड़ों रुपए खफा रहे हैं। जबकिबुनियादी इंफ्रास्ट्रक्वर की ओर से अधिकारियों काकोई ध्यान नहीं है। गांगन नदी पर बना पुल दिल्ली रोडको शहर से जोड़ने के लिए एकमात्र जरिया है। जिसतेजी से दिल्ली रोड पर आवासीय प्रोजेक्ट्स एमडीएने पास किए हैं, उससे इस पुल पर आने वाले दिनों मेंबेतहाशा प्रेशर बढ़ेगा। करीब 1000 एकड़ में फैली नयामुरादाबाद योजना के अलावा दर्जनभर निजी आवासीययोजनाएं भी यहां एमडीए ने पास की हैं।गांगन पुल के चौड़ीकरण और पलाईओवर की दरकारआने वाले दिनों में दिल्ली रोड पर तेजी से बढ़तीआबादी को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिएअधिकारियों के पास कोई विजन नहीं है। अभी से येस्थिति हो गई है कि हर शाम लाकडी तिराहे से लेकरमझोला थाने तक जाम लगने लगा है। यदि गांगन नदीपर बने पुल का चौड़ीकरण और लाकड़ी तिराहे परप्लाईओवर नहीं बनाया गया तो यही जाम शहर के लिएजल्द नासूर बनता नजर आएगा। यहां से बात भी ध्यानदेने लायक है कि गांगन नदी पर बने दो पुल में से एककी मियाद पहले ही पूरी हो चुकी है। इस पुल पर लोगहर रोज खतरों का सफर करने को मजबूर हैं।कोहरे में जानलेवा होगा ये टूटा हुआ पुलकोहरे में गांगन नदी पर बना ये टूटा हुआ पुल जानलेवासाबित हो सकता है। सर्दीं पड़ने लगी है और सुबह मेंकोहरा भी आना शुरू हो गया है। यदि तुरंत इस पुलकी मरम्मत नहीं की गई तो ये पुल किसी बड़े हादसे कासबब बन सकता है।मौ दीन पत्रकार ब्यूरो चीफ भोजपुर जिला मुरादाबाद