
मामले की भनक लगते ही डीएम अनुज सिंह ने नगर निगम से रिपोर्टतलब की है।मुरादाबाद में भू माफियाओं की नई पैंतरेबाजी सामनेआई है। सरकारी बंगलों पर दावा ठोंकने के लिए भूमाफियों ने नगर निगम के कर्मचारियों से साठगांठ करकेसरकारी अफसरों के बंगलों का हाउस टैक्स और वाटरटैक्स भर दिया।जिन सरकारी संपत्तियों का हाउस और वाटर टैक्सप्राइवेट लोगों की ओर से जमा किया गया है, उनमेंमुरादाबाद का डीएम कंपाउंड, कचहरी, रंगोलीऑफिसर्स कालोनी और कचहरी परिसर भी शामिल हैं।मामले की भनक लगने के बाद डीएम अनुज सिंह नेनगर निगम से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है। ज्यादा वक्त नहीं बीता जब मुरादाबाद के एसएसपीके बंगले पर कुछ भू माफियाओं ने अपना दावा ठोकदिया था। उसमें भी इसी तरह गृहकर और जलकरआदि के पेपर्स सबमिट किए गए थे। मामले की भनकलगने पर तत्कालीन एसएसपी हेमराज मीणा ने इसमामले में एक अधिवक्ता और उसके साथियों के खिलाफएफआईआर दर्ज करा दी थी।DM कंपाउंड-कचहरी समेत इन भवनों का टैक्स जमाकियाजिन सरकारी इमारतों का भू माफियाओं ने निगम मेंजुगाड़ करके हाउस और वाटर टैक्स जमा किया है।उनमें परिषद के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वालाआवासीय राजस्व भवन चक्कर की मिलक का मैदान,लाजपत नगर मुरादाबाद, लोक निर्माण विभाग केनियंत्रणाधीन डीएम कंपाउंड, डीएम फील्ड हॉस्टल,रंगोली कालोनी, सोनकपुर हॉस्टल, सोनकपुर ट्राजिटहॉस्टल, कचहरी परिसर, प्रांतीय खंड परिसर मुरादाबादके आवास आदि का भवन और जल कर इन विभागों केअतिरिक्त किसी अन्य प्राइवेट व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत रूपसे जमा कर दिया गया।बिल्डिंगों पर मालिकाना हक के लिए जमा कर रहे टैक्समुरादाबाद में ऐसे सरकारी बंगले और आवास, जोअधिकारियों और कर्मचारियों को रहने के लिए आवंटितकिए जाते हैं। नियमानुसार इनका टैक्स सरकारी विभागोंद्वारा ही जमा किया जाना चाहिए। लेकिन भवन माफियातथ्यों को ु्पाकर इन आवासों के भवन कर और जलकर नियमविरुद्ध तरीके से नगर निगम में जमा कर दे रहेपूरा खेल नगर निगम के स्टाफ से सेटिंग करके खेला जारहा है। भवन माफियाओं का मकसद इस तरह हाउसटैक्स की रसीदे इकट्टा करके भविष्य में इन भवनों परअपने स्वामित्व का दावा करना है। ताकि नगर निगम सेमिली हाउस टैक्स और वाटर टैक्स की इन रसीदों के दमपर भविष्य में जलकर कोर्ट में स्वामित्व का दावा करसकें।पहले भी हुआ है इसी पैटर्न पर सरकारी भवनों पर दावाकुछ समय पहले भी भवन माफियाओं द्वारा नगर निगममुरादाबाद द्वारा जारी किए गए गृहकर के एसेसमेंटरजिस्टर की प्रतिलिपियां प्रस्तुत करते हुए कोर्ट मेंसंपत्ति के स्वामित्व के वाद दायर किए गए थे। मामलाजानकारी में आने के बाद डीएम ने नगर निगम से इसमामले में विस्तृत जांच आख्या तलब की थी।DM ने नगर आयुक्त से कहा-एक सप्ताह में रिपोर्ट देमुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने भवनमाफियाओं के खेल की भनक लगने के बाद नगरआयुक्त से मामले में रिपो्ट मांगी है। डीएम ने टाईप-1,टाईप-2, टाईप-3 और टाईप-4 आवासों की सूची नगरआयुक्त को भेजकर कहा है कि इन भवनों का गृह करऔर जल कर संबंधित विभागों द्वारा किसी अन्य व्यक्तिद्वारा व्यक्तिगत रूप से जमा नहीं वकिया जाए।यदि किसी के भी द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो उसकीजांच करके एक सप्ताह के भीतर रिपोरट दी जाए। ताकिमामले में आगे की कार्रवाई की जा सके। डीएम नेसरकारी भूमि को खुर्दबुर्द करने वाले गैंग के खिलाफ भीकड़ी कार्रवाई का मन बनाया है।मुरादाबाद के पुलिस कप्तानों से वकील ने वसूले 28लाख:1927 के SSP बंगले को अपना बताया, 19 सालसे ले रहा था किराया, FR दर्ज

मुरादाबाद में खुद को SSP बंगले का मालिक बताकरएक वकील ने 19 साल में पुलिस कप्तानों से 28 लाखरुपए वसूल लिए। लेकिेन, जब इस वकील के मालिकानाहक के दस्तावेज चेक गए तो उनमें फर्जीवाड़ा पकड़ागया। इसके बाद एसएसपी की ओर से वकील केखिलाफ सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई गई।इसके साथ ही पूर्व 5SP हेमराज मीणा की ओर से कोर्टमें एक केस भी करीब 4 महीने पहले दाखिल कियागया। 5 महीने पहले से तत्कालीन SSP हेमराज मीणा नेइस बंगले का किराया देना भी बंद कर दिया था। उन्होंनेदस्तावेजों की जांच पड़ताल कराई तो पता चला किजिन दस्तावेजों से संजय धवन खुद को एसएसपी बंगलेका मालिक बता रहाहै
