यूपी के मुरादाबाद से सामने आया उधार की पत्नी का घोटाला, जानिए पूरी कहानी.यूपी के मुरादाबाद में आठ महीने पहले एक स्थानीय नेता ने दोस्त की पत्नी चुनाव लड़ने के लिए उधार ली. चुनाव जीत भी गया लेकिन अब तक दोस्त की पत्नी को वापस नहीं लौटाया. जानिए क्या है पूरी कहानी.
मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद में आठ महीने पहले एक स्थानीय नेता ने दोस्त की पत्नी चुनाव लड़ने के लिए उधार ली. चुनाव जीत भी गया लेकिन अब तक दोस्त की पत्नी को वापस नहीं लौटाया. जानिए क्या है पूरी कहानी. शफी अहमद उर्फ बाबू सामान्य श्रेणी के हैं और राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं
. शफी अहमद के दोस्त नसीम अहमद पिछड़ी जाति से आते हैं और व्यापार करते हैं. नसीम अहमद की पत्नी रहमत जहां भी पिछड़ी जाति की हैं और हाउसवाइफ थीं. शफ़ी अहमद 2012 से 2017 तक मुरादाबाद की भोजपुर नगर पंचायत के चेयरमैन थे. नवंबर 2017 में मुरादाबाद की भोजपुर धर्मपुर नगर पंचायत सीट पर चेयरमैन पद का चुनाव होना था. ये सामान्य सीट थी लेकिन अचानक पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गई इसलिए शफी अहमद चुनाव नहीं लड़ सकते थे
. शफी अहमद ने अपने दोस्त नसीम अहमद से उनकी पत्नी रहमत जहां जो कि पिछड़े वर्ग की महिला थीं उन्हें चुनाव लड़ाने के लिए उधार मांग लिया. दोस्त ने बात मान ली और फिर शफी अहमद ने रहमत जहां को चुनाव लड़ाया और चेयरमैन बनवा दिया. चेयरमैन बनने के बाद ना तो रहमत जहां वापस अपने पति नसीम के पास जा रही हैं और ना ही शफी अहमद अपने दोस्त नसीम को उनकी पत्नी लौटा रहे हैं. रहमत जहां का दावा है
कि उन्होंने शफी अहमद से शादी कर ली है और अब वो ही उसका शौहर है. वहीं रहमत जहां के पति नसीम का दावा है कि जिस वक्त वो चुनाव जीती थीं तब उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के बाबरखेड़ा गांव में उनके घर गई थी जहां नसीम के घरवालों ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया था. इस बात को 8 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक वो घर वापस नहीं लौटी हैं. पुलिस ने नसीम अहमद की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उधार की बीवी के घोटाले की जांच में जुट गई है.
जन सेवा भारत न्यूज़ चैनल रि० मौ० दीन मुरादाबाद




