मुरादाबाद में पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव परतीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (TMU) में उत्तम मार्दव केदिन रिद्धि-सिद्धि भवन में आस्था की बयार बही। उत्तम.मार्दव धर्म पर नव.देवता पूजन, सोलहकारण पूजन औरदशलक्षण पूजा हुई।नंदीश्वर द्वीप पूजन का अर्घ्य भी चढ़ाया। प्रतिष्ठाचार्यऋषभ जैन शास्त्री के सानिध्य में विधि-विधान से हुएधार्मिक अनुष्ठानों में कुलाधिपति सुरेश जैन, फर्स्ट लेडीवीना जैन, जीवीसी मनीष जैन, ऋचा जैन, अक्षत जैन,जाह्नवी जैन आदि ने अनुष्ठान में भाग लिया।पर्व जैन ने प्रथम स्वर्ण कलश से अभिषेक किया। मनीष.जैन ने स्वर्ण कलश से अभिषेक और शांतिधारा करने.वालों को सम्मानित किया। ईडी अक्षत जैन ने द्वितीय.कलश से अभिषेक और शांतिधारा वालों को, जबकिजाह्नवी जैन ने अष्ट कुमारियों को सम्मानित किया। अष्टकुमारी गुणिका जैन, सिमी जैन, आयुषी जैन, समीक्षाजैन, कुमकुम जैन, झलक जैन, रिया जैन, मान्या जैनबनीं।
भोपाल के सचिन जैन एंड पार्टी के भक्तिमय गीतों परश्रावक-श्राविकाएं भक्ति में झूम उठे। द्वितीय स्वर्ण कलशसे दृश्य जैन, तृतीय स्वर्ण कलश से अक्षत जैन, चतुर्थस्वर्ण कलश से आयुष जैन ने अभिषेक किया। प्रथमस्वर्ण शांतिधारा का सौभाग्य हर्ष मोदी, सुरेंद्र जैन, काव्यजैन, उत्कर्ष जैन, अनंत जैन, कृष जैन, संस्कार जैन,कृष्णा जैन को मिला। द्वितीय रजत शांतिधारा का पुण्यमयंक जैन, उत्कर्ष जैन, वीर जैन, हर्ष जैन, रोमिल.जैन, अक्षत जैन, अर्पण जैन, अंसत जैन, स्नेहशु जैन नेकमाया।
रिद्धि-सिद्धि भवन में शास्त्री ने श्रावक-श्राविकाओं को बताया कि, आचार्य जयसेन स्वामी ने प्रतिष्ठा पाठ मेंलिखा है कि भगवान का आह्वान कैसे किया जाए और स्थापना कैसे की जाए। प्रतिष्ठाचार्य ने अर्घ्य का मतलब भी बताया। वह बोले, संसार में किसी बात का अभिमान.नहीं करना चाहिए, क्योंकि सब नश्वर है । विद्या ददाति.विनयम श्लोक के माध्यम से विनय की महत्ता बताई।आज का नियम याद दिलाते हुए बताया, कल तक दर्पण नहीं करते देखना है। दूसरी ओर दिव्य घोष के बीच संध्या आरती जिनालय से रिद्धि-सिद्धि भवन तक लाई गयी।




