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मुरादाबाद सपा कार्यालय विवाद: प्रशासन के नोटिस की मियाद खत्म, जिलाध्यक्ष ने एडीएम वित्त को दिखा लिखित जवाब

सपा कार्यालय को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन ने 30 जुलाई को नोटिस जारी किया था। इसकी एक माह की मियाद शनिवार को पूरी हो गई है। प्रशासन का कहना है कि यह नजूल भूमि है। सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने लिखित जवाब में कहा है कि चक्कर की मिलक स्थित कोठी शासनादेश से पार्टी को जिला कार्यालय के रूप में आवंटित है। दिसंबर 2024 तक किराया जमा किया जा चुका है।

समाजवादी पार्टी – फोटो :

सपा कार्यालय को नोटिस में दिए गए एक महीने की मोहलत शनिवार को खत्म हो रही है। जिला प्रशासन ने 30 जुलाई को जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी कर भवन खाली करने के लिए कहा था। नोटिस में भवन न खाली करने पर न्यायालय में वाद दाखिल करने और एक हजार रुपये प्रतिदिन की दर से हर्जाना वसूलने की बात भी कही गई थी।नोटिस की मियाद खत्म होने से पहले सपा जिलाध्यक्ष ने एडीएम वित्त को लिखित जवाब भी सौंप दिया है। नोटिस में दी गई समयसीमा खत्म होने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। जिला प्रशासन ने आगे की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।

भवन पर कब्जा लेने के लिए प्रशासन की ओर से अब वाद दाखिल करने की तैयारी है। प्रशासन ने नोटिस में कहा था कि यह नजूल की भूमि है जिसका स्वामी उत्तर प्रदेश राज्य है और नगर निगम के प्रबंधन में है। मुलायम सिंह की मृत्यु के बाद उक्त भवन के नामांतरण के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई।वर्तमान में सरकारी योजना हेतु विभाग को शासकीय भूमियों की आवश्यकता है। अधिकारियों के आवास की भी आवश्यकता है। ऐसी परिस्थिति में नोटिस प्राप्ति के एक माह के भीतर भवन को खाली कर दिया जाए। नोटिस का समय खत्म होने के करीब आ गया।वहीं दूसरी ओर सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने अपने लिखित जवाब में प्रशासन को बताया है कि चक्कर की मिलक स्थित कोठी संख्या-4 शासन की ओर से तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष को जिला कार्यालय के तौर पर आवंटित की गई थी।

उन्होंने आवंटन से जुड़े कागजात और किराए की रसीदें भी सौंपीं। साथ ही बताया कि दिसंबर-2024 तक कार्यालय का किराया भी जमा किया गया है इसलिए भवन पर कब्जे की बात सही नहीं है। यह पूरी तरह से कानूनी है और कोठी का आवंटन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के नाम शासनादेश से हुआ था। बाद में इसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम जिला कार्यालय के रूप में मान्यता मिली।

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