गुजरात की जीके कंपनी के दो करोड़ की लूट करने वाला 50 हजार का इनामी मास्टरमाइंड नरेश उर्फ पंकज को पुलिस ने रविवार की देर शाम मुठभेड़ में मार गिराया। मारे जाने से पहले नरेश ने फिरोजाबाद के एएसपी ग्रामीण अनुज चौधरी और एक दरोगा को निशाना बनाया।
मुठभेड़ में थाना रामगढ़ प्रभारी की बांह में गोली लगी और वह घायल हो गए। वहीं एएसपी अनुज चौधरी की बुलेट प्रूफ जैकेट में भी गोली लगी। नरेश के पास से 20 लाख नकदी भरा बैग और असलहे बरामद हुए हैं। नरेश, दोपहर में ही पैसा बरामद कराने का बहाना बनाकर खेतों से होते हुए फरार हो गया था।
वह बड़ा शातिर था। नरेश ने गुजरात की जीके कंपनी की रेकी की। उसने आसानी से कानपुर से पता लगा लिया कि करोड़ों की धनराशि को कार से आगरा चालक के भरोसे भिजवाया जा रहा है। रेकी के बाद जैसे ही कार कानपुर से चली तो उसका पीछा कर मक्खनपुर घुनपई में सिक्सलेन हाइवे पर उसने लूटपाट की ताकि कोई सीसीटीवी आसपास नहीं होने से वह पकड़ में न आ सके। बदमाश जब लूट की रकम को कार के चैंबर से लेकर भागे तो पता चला कि जो दो करोड़ की रकम बताई गई थी, ये रकम उससे काफी कम थी। तब बंधक ड्राइवर पर शातिर नरेश ने दबाव बनाया। उसने एक और चैंबर में लाखों होने की बात बता दी।
यही रकम बरामद कराने की बात कह कर नरेश ने पुलिस को भरोसा दिलाया और मक्खनपुर पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था। हालांकि देर शाम मुठभेड़ में मारा गया। जीके कंपनी की कार में दो चैंबर बनाए गए थे। पहले एक चैंबर हुआ करता था। इस बार दो चैंबर थे। लुटेरों ने घुनपई में लूटपाट के बाद ड्राइवर को बंधक बना लिया था। उन्होंने एक्सप्रेसवे पर उसे छोड़ने से पहले रकम को गिना। रकम डेढ़ करोड़ तक ही बैठ रही थी। जबकि रेकी में उन्हें पता चला था कि दो करोड़ के आसपास की रकम कार से रवाना की गई है। नरेश उर्फ पंकज निवासी अरनी थाना खैर अलीगढ़ काफी शातिर था। उसने अन्य सभी साथियों को रकम के साथ रवाना कर दिया और फिर ड्राइवर पर दवाब बनाने लगा। उससे डरकर ड्राइवर ने मुंह खोल दिया और नरेश को बता दिया कि कार में दो चैंबर थे और लुटेरों ने एक ही चैंबर को लूटा है। ड्राइवर की बात सही है या नहीं इसको लेकर अकेला कार से नरेश जीके कंपनी की कार तक घुनपई आया और दूसरा चैंबर भी तोड़कर बाकी रकम को लूट लिया।
इस रकम को लूटने के बाद नरेश दोबारा साथियों तक लौटते समय रास्ते में ही कहीं पर ठिकाने लगा गया। उसने साथियों से कहा कि वहां कोई रकम नहीं थी। पुलिस की जांच में ड्राइवर ने जब दो चैंबरों से करीब दो करोड़ की लूट की बात कही और बरामदगी की रकम 1 करोड़ 5310 रुपये तक ही सीमित रही तो नरेश पर पुलिस ने दबाव बनाया। नरेश ने पुलिस से कहा कि वह बाकी की लूट की रकम को बरामद करा देगा। पुलिस ने नरेश के पास से 55 हजार कीमत का एक आई फोन और लूट के रुपयों से खरीदी एक लाख की बाइक भी बरामद की थी। नरेश से पुलिस पहले ही 25 लाख रुपये बरामद कर चुकी थी। वह बोला कि अलीगढ़ से बाकी लूट की रकम बरामद करा देगा। शनिवार की रात में पुलिस उसको लेकर अलीगढ़ गई। नरेश ने 20 लाख रुपये की रकम और बरामद कराने की बात कही थी। उसने बताया था कि मक्खनपुर क्षेत्र में ही छिपाया है। वह पुलिस से बरामदगी का बहाना बनाने लगा। इसी बीच शौच का बहाना बनाकर भाग निकला। देर शाम वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस ने उसके दूसरे चैंबर की छिपाई गई धनराशि बैग से शव के पास से बरामद की है जो लगभग 20 लाख है।
बिल्डर से कर ली थी नरेश ने सांठगांठ
एसएसपी ने बताया कि नरेश ने इस लूट की रकम को खपाने की तैयारी कर ली थी। इसलिए उसने रकम का काफी हिस्सा अलीगढ़ के एक बिल्डर के माध्यम से खपाने की तैयारी कर ली थी। लूट के बाद उसने बिल्डर से भी बात की थी। वह जमीन में पैसे को लगाना चाहता था।
आगरा का शातिर जल्द चढ़ेगा पुलिस के हत्थे
लूटकांड में आगरा का एक शातिर बदमाश भी शामिल है। इसको भी पुलिस तलाश रही है। जल्द ही यह हत्थे चढ़ जाएगा। इसके बारे में पुलिस को सारी सूचनाएं मिल चुकी हैं। इसके पास भी लूट की रकम है।
बनीपुर के जंगलों में छिपा रहा
एसएसपी ने बताया कि शातिर नरेश पुलिस को चकमा देकर भागा था। इसकी हलपुरा अंडर पास के पास होने की जानकारी मिली। वह बनीपुरा के जंगलों में कई घंटे छिपा रहा था। उसके पास स्थित बैग से हथियार और करीब 20 लाख की नकदी बरामद हुई है। 20 लाख की नकदी अलीगढ़ से शनिवार की रात को बरामद कराकर लाया था।
लुटेरे के भागने पर 50 हजार इनाम रखा
नरेश हथकड़ी के साथ भाग गया था। उसके भागने पर पुलिस उपमहानिरीक्षक आगरा ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया था।




