जनपद हापुड़/हाई कोर्ट के आदेश पर दस्तावेजों में एडिटिंग कर एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाली छात्रा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत सरस्वती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लेने को लेकर छात्रा के द्वारा दस्तावेजों में एडिटिंग करते हुए 72 की जगह 585 नंबर दर्शाकर एडमिशन लिया गया था। लेकिन दूसरे वर्ष में पकड़े जाने पर पुलिस ने हाई कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया है।आपको बता दें कि पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में छात्रा माध्वी तिवारी द्वारा नीट यूजी 2020 परीक्षा दी थी जिसमें उसे 720 अंक में से 72 अंक प्राप्त हुए थे। वहीं छात्रा के द्वारा दस्तावेज एडिटिंग कर 720 में से 585 अंक दर्शाकर पिलखुवा के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया गया था। लेकिन दूसरे वर्ष में कॉलेज प्रबंधन को शक होने पर मामले की जांच कराई गई। तो दस्तावेजों में एडिटिंग पाया गया।जिसके चलते दूसरे वर्ष में एडमिशन नहीं देने पर एमबीबीएस की छात्रा माधवी तिवारी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एडमिशन लेने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। छात्र ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट के माध्यम से एडमिशन लेने के लिए गुहार लगाई। हाई कोर्ट में डाली गई। याचिका के आदेश में हाई कोर्ट के जांच निर्देश अनुसार जांच में उसके द्वारा 7 दिसंबर 2020 को नीट की परीक्षा दी गई थी। जिसमें उसका वास्तविक नंबर 200410010315/लेकिन जांच में 440 1204502 पाया गया। जिसके आधार पर हाई कोर्ट के निर्देश पर दस्तावेजों में एडिटिंग करने को लेकर कोतवाली थाना प्रभारी अखिलेश त्रिपाठी ने एमबीबीएस छात्रा के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा