(रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा)
जनपद हापुड़ के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंचने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर कार्यवाही के नाम पर ट्रांसफर कर की जा रही है लीपापोती।
विदित रहे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिखेड़ा से संबंधित तीन सप्ताह के अंतराल में भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामले प्रकाश में आए हैं। जिसमें 23 अगस्त की रात्रि में आसिफ हत्याकांड में घायल मृतक के भाई का मेडिकल हल्का भारी करने के नाम पर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के द्वारा₹10000 की मांग की गई थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बना था। वही दूसरा मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बक्सर से प्रकाश में आया है। जिसमें 4 सितंबर को हिम्मतपुर निवासी साजिद की पत्नी शहजादी को प्रसव के दौरान मृत नवजात शिशु पैदा हुआ था। जिसमें ड्यूटी पर तैनात मेडिकल ऑफिसर एवं स्टाफ नर्स के द्वारा नवजात शिशु का शव पीड़ित परिजनों को देने के एवरेज में₹2500 की मांग की गई थी। पीड़ित परिजनों के द्वारा अस्पताल में टाइम पर पैसे नहीं होने की असमर्थता जताने पर ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य महिला कर्मी के द्वारा ₹2500 का भुगतान ऑनलाइन कराया गया था। जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के द्वारा अस्पताल में पहुंचकर हंगामा करने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने हालांकि पैसे वापस कर दिए गए थे। स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मृत नवजात शिशु के शव देने के ऐवज में रुपए मांगने की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने पर जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा के द्वारा इस मामले का गहनता से संज्ञान लिया गया। जिसकी जांच के लिए टीम गठित की गई। और टीम के द्वारा जांच रिपोर्ट जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने भ्रष्टाचार में लिप्त स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बक्सर से महिला मेडिकल ऑफिसर को हटकर उसके मूल अस्पताल मुदाफरा तैनाती कर दी गई। तो वहीं स्टाफ नर्स को बहादुरगढ़ में तैनाती देकर लीपा पोती करने की कार्यवाही की गई है। जिसको लेकर स्थानीय नागरिकों में रोज व्याप्त है।