
मुरादाबाद में कुछ बिल्डस्स और निर्यातकों की बड़ीकारस्तानी सामने आई है। भूमि की वास्तविक लोकेशनको बताने वाला लाकडी गांव का नवशा ही गायब है।इससे ये तय कर पाना मुश्किल हो गया है कि कौनसा गाटा संख्या मौके पर किस जगह पर होगा। इसकाफायदा उठाकर कुछ बिल्डर्स और निर्यातकों ने अपनीगांगन नदी के ड्रब क्षेत्र की जमीनों को दूसरी जगहबताकर उन पर कब्जे कर लिए है। इतना ही नहींफर्जीवाड़ा करके इन गाटा संख्याओं पर प्राधिकरण सेनक्शे पास कराकर आवासीय प्रोजेक्ट्स भी लांच करदिए हैं।मामला सामने आने के बाद मुरादाबाद के डीएम अनुजसिंह ने दिल्ली रोड पर लाकड़ी, मनोहरपुर और मंगपूरागांव के रकबे में भूमि की रजिस्ट्री पर तत्काल प्रभाव सेरोक लगा दी है। डीएम ने इस इलाके में प्राधिकरण द्वारापास किए गए प्राइवेट आवासीय प्रोजेक्ट्स के मानचित्रोंको भी जांच पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया है। अभीतक इन प्रोजिक्ट्स में अगर कुछ प्रॉपर्टी बिकी हैं औरउनके गाटा संख्या जांच में अगल पाए जाते हैं उन्हें ध्वस्तकिया जाएगा।इस आदेश के बाद दिल्ली रोड पर दोनो साइड बन रहेप्राइवेट आवासीय प्रोजेक्ट्स पर सीधा असर पड़ेगा।प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मंगूपुरा गांव में सीलिंगकी जमीन को बड़े पैमाने पर ठिकाने लगाया गया है।गाटा संख्याओं से छेड़छाड़ करके एक गांव की जमीनको दूसरे गांव में दर्शाया गया। बाद में वो गाटा संख्यारिमूव कर दिए गए। इसी तरह लाकड़ी गांव के रकबेमें सीलिंग की लैंड का बड़े पैमाने पर झोलझाल हुआहै। मनोहरपुर और लाकड़ी के रकबे में एक प्राइवेटबिल्डर ने 400 बीघा से भी ज्यादा जमीन खरीदकरयहां आवासीय प्रोजेक्ट शुरू कर दिया। प्रारंभिक जांचमें पता चला है कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।मानचित्र ही नहीं है तो फिर कैसे निर्धारित हुआ कि कौनसा गाटा संख्या कहां पर है।डीएम अनुज सिंह का कहना है कि पूरे मामले कीएसआईटी जांच बैठाई जा रही है। जांच पूरी होने तकयहां भूमि की रजिस्ट्री नहीं होगी और मानचित्र सस्पेंडरहेंगे।