
कुंदरकी क्षेत्र के गांव साैंदा के शिव मंदिर में वाल्मीकि समाज की महिलाओं को पूजा करने से रोक दिया गया। जिसे लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया। सूचना पर गांव पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने दोनों समुदाय के लोगों को समझा बुझाकर विवाद खत्म कराया। बाद में गांव पहुंचीं साध्वीं गीता प्रधान के साथ महिलाओं ने मंदिर में पूजा कीं।कुंदरकी थानाक्षेत्र के गांव सौंदा निवासी विशाल वाल्मीकि की तीन दिन के बाद बरात जानी है। इससे पहले वाल्मीकि समाज की महिलाएं जरूरी धार्मिक रीति रिवाजों को पूरा करने में लगी हैं। सोमवार को महिलाएं गांव के ही शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंचीं। आरोप है कि दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें पूजा करने से रोक दिया।वाल्मीकि समाज की महिलाओं ने सैनी समाज के लोगों पर भेदभाव करने का आरोप लगाया और पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे थाना प्रभारी प्रदीप सहरावत ने दोनों पक्षों से वार्ता की। इस बीच सीओ राजेश कुमार तिवारी भी वहां पहुंच गए।काफी देर तक चली वार्ता के बाद दोनों पक्षों के समझा बुझाकर शांत कराया। आपसी मनमुटाव दूर कराया। बाद में गांव पहुंची यूपी अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की पूर्व सदस्य साध्वीं गीता प्रधान के साथ वाल्मीकि समाज की महिलाओं ने मंदिर में पूजा अर्चना भी कीं।साध्वी गीता प्रधान ने गांव में पहुंचकर जताई नाराजगी वाल्मीकि समाज के लोगों को मंदिर में पूजा पाठ करने से रोकने पर साध्वीं गीता प्रधान ने कहा कि भाजपा सरकार ने समाज से भेदभाव को दूर किया है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व अभी भी इससे बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। मंदिर में पूजा पाठ करने का समाज के सभी लोगाें को समान अधिकार है।कुंदरकी थाना क्षेत्र के गांव सौंदा में एक समुदाय के दो जाति के लोगों में धार्मिक क्रिया को लेकर मनमुटाव था। जिसको बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया है। अब कोई समस्या नहीं है। दोनों पक्षों के लोग आपसी सौहार्द का परिचय देते हुए धार्मिक स्थल में पूजा अर्चना कर सकेंगे। – राजेश कुमार तिवारी, सीओ बिलारी