
तस्वीर इंस्पेक्टर आरपी शर्मा की है।मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावके दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निशाने पर रहेइंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। उपचुनाव के दौरानआरपी शर्मा मूंढापांडे के थाना प्रभारी थे। सपा प्रत्याशीहाजी रिजवान ने आरपी शर्मा पर बीजेपी के पोलिंगएजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया था। बाद मेंलखनऊ में हुई अखिलेश यादव की पीसी में भी आरपीशर्मा का नाम गूंजा था।सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उस समय कुछ वीडियोभी ट्वीट किए थे। सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान नेभी इंस्पेक्टर आरपी शर्मा पर आरोप लगाए थे कि वोभाजपा के पोलिंग एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। उनपर सपा के वोटरों को धमकाने और भाजपा के पक्ष मेंफर्जी वोटिंग कराने के भी आरोप लगे थे।इन दिनों आरपी शर्मा मुरादाबाद शहर में मझोला केथाना प्रभारी थे। मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज जीने शुक्रवार को उन्हें सीधे सस्पेंड कर दिया है। अमूमनरेंज में बैठे अफसरों के द्वारा जिलों में इस तरह से सीधेकार्रवाई नहीं की जाती हैं।यदि किसी एसएचओ पर कार्रवाई करनी भी होती हैतो रेंज में तैनात डीआईजी या आईजी जिले के पुलिसकप्तान को ही इसके लिए निर्देशित करते हैं। मुरादाबादरेंज में पिछले करीब 2 दशक में यह पहला मामलाजब डीआईजी ने सीधे किसी थाना प्रभारी को सस्पेंडकिया है।डीआईजी ने थाना प्रभारी को एफआईआर के दिए थेनिर्देशडीआईजी मुनिराज जी ने इंस्पेक्टर को निलंबित करनेके अपने आदेश में कहा है कि- ‘दान सहाय की मिलकशाहपुर तिगरी थाना मझोला की एक युवती 28 मई कोडीआईजी के समक्ष पेश हुई थी। उसने डीआईजी को दीअपनी शिकायत में कहा था कि ओमकार आदि ने शादीतय होने के बाद दहेज की मांग की और ओमकार नेउसे नशीला पेय पदार्थ पिलाकर उसके साथ बलात्कारकिया। इसके बाद शादी करने से इनकार कर दिया।पीड़िता के पेश पर डीआईजी ऑफिस से थाना प्रभारीमझोला को पीड़िता की तुरंत एफआईआर लिखनेके निर्देश दिए गए थे। लेकिन थाना प्रभारी ने रिपोर्टदर्ज नहीं की। 29 मई को पीड़िता फिर से डीआईजीकार्यालय पहुंची। जिसके बाद उसकी रिपोर्ट दर्ज कीगई।डीआईजी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए मुरादाबादएसपी यातायात को जांच के आदेश दिए। एसपीयातायात की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीआईजी नेशुक्रवार को इंस्पेक्टर आरपी शर्मा को सस्पेंड कर दिया।