Monday, August 11, 2025
32.5 C
Delhi
Monday, August 11, 2025
spot_img
HomeBlogलोकसभा में आज पेश होगा नया आयकर विधेयक; प्रवर समिति के सुझाए...

लोकसभा में आज पेश होगा नया आयकर विधेयक; प्रवर समिति के सुझाए सभी संशोधन शामिल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को लोकसभा में प्रवर समिति की ओर से अनुमोदित नया आयकर विधेयक पेश करेंगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि नया विधेयक प्रवर समिति के सुझाए सभी 285 संशोधनों को शामिल करेगा।

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति ने इन संशोधनों को मंजूरी दी थी। रिजिजू ने कहा कि पिछले छह महीने की मेहनत बेकार नहीं जाएगी और सभी सुझाव नए बिल में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, जब किसी बिल में बहुत अधिक संशोधन होते हैं तो यह सामान्य संसदीय प्रक्रिया है कि पुराने बिल को वापस लेकर नया बिल पेश किया जाए।

केंद्र सरकार ने आयकर विधेयक 2025 को 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया था। विधेयक की जांच के लिए भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में 31 सदस्यीय प्रवर समिति बनाई गई थी। समिति ने विधेयक की जांच की और 285 सुझाव दिए थे। समिति ने 21 जुलाई 2025 को अपनी रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत कर दी। केंद्र सरकार ने प्रवर समिति की लगभग सभी सिफारिशें सरकार द्वारा स्वीकार कर ली हैं। कुछ सुझाव भी प्राप्त हुए थे जिन्हें सही विधायी अर्थ प्रदान करने के लिए शामिल करने की आवश्यकता है।

नए आयकर विधेयक में क्या
सरलीकृत आयकर विधेयक आकार के लिहाज से 1961 के आयकर अधिनियम का करीब आधा है, मुकदमेबाजी और नई व्याख्या के दायरे को कम करके कर निश्चितता प्राप्त करने का प्रयास करता है। लोकसभा में पेश नए विधेयक में कुल शब्दों की संख्या घटकर 2.6 लाख रह गई है, जो मौजूदा आयकर अधिनियम के 5.12 लाख शब्दों की तुलना में काफी कम है। इसमें धाराओं की संख्या 536 है, जबकि मौजूदा कानून में 819 धाराएं प्रभावी हैं।

1200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटाए गए
आयकर विभाग की तरफ से जारी एफएक्यू के मुताबिक, इसमें अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है। आयकर विधेयक-2025 में 57 तालिकाएं हैं, जबकि मौजूदा अधिनियम में 18 थीं। इसमें 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं। छूट और टीडीएस/टीसीएस से संबंधित प्रावधानों को सारणीबद्ध प्रारूप में रखकर विधेयक में और अधिक स्पष्ट किया गया है, जबकि गैर-लाभकारी संगठनों के लिए अध्याय को सरल भाषा के प्रयोग के साथ व्यापक बनाया गया है। इसके चलते शब्दों की संख्या में 34,547 की कमी आई है।

कर आकलन वर्ष की अवधारणा खत्म की
करदाताओं के हित में एक कदम उठाते हुए नया विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित पिछले वर्ष शब्द के स्थान पर कर वर्ष शब्द का प्रयोग करता है। साथ ही, कर आकलन वर्ष की अवधारणा को भी समाप्त कर दिया गया है। अभी, पिछले वर्ष (मान लीजिए 2023-24) में अर्जित आय पर, कर आकलन वर्ष (मान लीजिए 2024-25) में भुगतान किया जाता है। इस सरलीकृत विधेयक में पिछले वर्ष और कर आकलन वर्ष (एवाई) की अवधारणा को हटा दिया गया है और केवल कर वर्ष को ही शामिल किया गया है। आयकर विधेयक के अलावा भी सरकार एक महीने तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान आठ नए विधेयक पेश करने वाली है। इस दौरान कुछ अन्य लंबित विधेयकों पर भी चर्चा होगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular