देहरादून में बादल फटने से मुरादाबाद मंडल के सात मजदूरों की माैत हो गई। इसमें अमरोहा के रहरा गांव के एक और बिलारी क्षेत्र के छह लोग शामिल है। मंडल के कई लोग अभी भी लापता है। स्थानीय प्रशासन देहरादून के अधिकारियों के संपर्क में हैं।
देहरादून में लापता लोगों की परिजन – फोटो : संवाद
उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने के बाद बाढ़ की चपेट में आने से मुरादाबाद मंडल के दर्जनभर मजदूर बह गए। हादसे में बिलारी तहसील के मुंडिया जैन गांव के छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अब भी लापता हैं। अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के रहरा गांव के तीन मजदूर भी नदी में लापता हो गई। उनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है।मुंडिया जैन गांव में छाया मातम.मुरादाबाद जिले की तहसील बिलारी के थाना सोनकपुर क्षेत्र के मुंडिया जैन गांव निवासी लगभग 20 मजदूर कुछ दिन पहले देहरादून के सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में मजदूरी करने गए थे। मंगलवार तड़के मजदूर नदी किनारे बजरी और रेत निकालने का काम कर रहे थे।
तभी सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से टॉस नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और तेज बहाव में ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत मजदूर बह गए। हादसे में मदन (45), नरेश (48), हरचरन (60), सोमवती (55), रीना (31) और किरन (35) की डूबकर मौत हो गई। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। इसके अलावा राजकुमार (21), होराम (32) और सुंदरी (42) का अभी तक पता नहीं चल पाया है।विज्ञापन
रहरा के मजदूर भी बह गएइसी तरह अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के रहरा और आसपास के गांवों के 11 मजदूर भी देहरादून के बाजावाला गांव में मजदूरी करने गए थे। मंगलवार को बादल फटने से रिस्पना नदी का जलस्तर बढ़ गया। इस दौरान रहरा निवासी पुष्पेंद्र (20), पीतम (22) और पंकज (27) पानी के तेज बहाव में बह गए। पंकज का शव बरामद कर लिया गया है। पुष्पेंद्र और पीतम का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है।गांवों में पसरा सन्नाटाहादसे की खबर मिलते ही मुंडिया जैन और रहरा गांवों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों को सांत्वना दे रहे हैं। उधर, सभी परिजन देहरादून रवाना हो गए हैं।




