लद्दाख को राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में हिंसा के बाद एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद वांगचुक को लद्दाख से दूर राजस्थान की जोधपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
वांगचुक को देर रात राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। जरूरी औपचारिकताओं को पूरी करने के बाद वांगचुक को एक विशेष विमान से लेह से जोधपुर ले जाया गया। जोधपुर एयरपोर्ट से मजबूत सुरक्षा घेरे के बीच एक काफिला जेल तक पहुंचा, जिसमें वांगचुक मौजूद थे। जोधपुर जेल में पहुंचते ही सबसे पहले उनकी मेडिकल जांच हुई। सूत्रों के मुताबिक उन्हें एक हाई सिक्यॉरिटी वार्ड में रखा गया है। सीसीटीवी से उनकी 24 घंटे मॉनिटरिंग होगी।
लद्दाख में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई तो करीब 90 घायल हो गए। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का आरोप है कि सोनम वांगचुक ने अपने भाषणों से भीड़ को उकसाया। आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद वांगचुक ने अपना दो सप्ताह लंबा अनशन खत्म कर दिया। हिंसा के बाद बुधवार को लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया।
गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि वांगचुक ने भाषण में अरब स्प्रिंग और नेपाल जेन-जी विरोध प्रदर्शनों का हवाला दिया जिससे युवाओं के बीच गुस्सा भड़का। लेह में स्थानीय बीजेपी कार्यालय और कुछ सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। लद्दाख में अपने सामाजिक आंदोलनकारी कार्यों के लिए जाने जाने वाले वांगचुक ने 10 सितंबर को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसमें वे संवैधानिक गारंटी, अधिक स्वायत्तता, राज्य का दर्जा और लद्दाख के लिए छठी अनुसूची का दर्जा मांग रहे थे।




