
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (एसपी) की सांसद रुचि वीरा की एक बात से लोकसभा में गुरुवार को सांसदों की हंसी निकल पड़ी। रुचि वीरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बेंच बनाने की मांग के दौरान मुद्दे की भूमिका पर बोल रही थीं तो सदन चला रहे दिलीप सैकिया ने कहा कि मांग पर बोलिए, लेकिन वो रुकी नहीं। सैकिया के फिर टोकने पर रुचि वीरा ने कहा- ‘अरे 15 दिन में पहली बार टाइम मिला है, एक मिनट बोलने दीजिए।’ रुचि वीरा के इतना बोलते ही अगल-बगल बैठे सांसद हंसने लगे। फिर उन्होंने भी जल्दी से अपना प्रश्न पूरा किया और कहा कि वेस्टर्न यूपी में हाईकोर्ट का बेंच होना चाहिए।लोकसभा में गुरुवार को शून्य काल (जीरो आवर) के दौरान रुचि वीरा ने मांग रखते हुए कहा था कि हाईकोर्ट के बेंच की मांग वकील कई दशकों से कर रहे हैं। इलाके के लोगों को लंबी दूरी तय करके इलाहाबाद जाना पड़ता है। आर्थिक और मानसिक कठिनाई होती है। मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, रामपुर, गौतम बुद्ध नगर, बिजनौर का नाम लेकर सांसद ने कहा था कि लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर इलाहाबाद जाकर न्याय मांगते हैं जो गरीबों के लिए कठिन हो जाता है।
बुधवार को राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एमपी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग की थी। वाजपेयी ने मेरठ, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर में पीठ बनाने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमों में 63 फीसदी केस पश्चिमी यूपी के हैं। वाजपेयी ने याद दिलाया कि 1986 में लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी और राज्यसभा में कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने भी बेंच की मांग का समर्थन किया था।पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग दशकों पुरानी मांग है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे संपूर्णानंद ने 1955 में पहली बार इस तरह की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी। तब से कई बार अलग-अलग सरकारों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेंच की सिफारिश भेजी है, लेकिन अब तक कुछ हुआ नहीं है। मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ मंडल के कुल 26 जिलों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गिना जाता है, जिनके लिए इसी इलाके में हाईकोर्ट का बेंच बनाने की मांग उठ रही है। इलाके के वकीलों ने 17 दिसंबर को इस मसले पर बंद का आह्नान किया है।




