भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। भाजपाअध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के नए कद और पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्महै। दो दिन पहले ही भूपेंद्र चौधरी ने दिल्ली में पीएम मोदी आदि बड़े नेताओंसे मुलाकात की है।

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की उलटी गिनती शुरू हो चुकीहै। भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के नए कद और पद कोलेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। दो दिन पहले ही भूपेंद्रचौधरी ने दिल्ली में पीएम मोदी आदि बड़े नेताओं से मुलाकात.की है। यूपी में 27 के चुनाव को देखते हुए भाजपा वेस्ट यूपीमें जाट मतदाताओं को साधने के लिए भूपेंद्र को कुछ अहम.जिम्मेदारी दे सकती है। लोकसभा चुनाव में निराशाजनकप्रदर्शन के बाद उस समय माना जा रहा था कि भाजपाप्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को हटा सकती है, लेकिन ऐसा नहींहुआ। पार्टी ने भूपेंद्र का पूरा उपयोग संगठन में किया।
वेस्ट यूपी की राजनीति में जाट मतदाताओं की खासीअहमियत है। भूपेंद्र चौधरी राज्य की राजनीति में अपना रसूखऔर हैसियत बना चुके हैं। पार्टी उनका इस्तेमाल आने वाले.समय में अच्छे से करेगी, ऐसा सभी का मानना है। प्रधानमंत्री.नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से एक दिनपहले ही भूपेंद्र चौधरी ने मुलाकात की है। कुछ राजनीति.कजानकारों ने यह भी अटकलें लगाईं कि कहीं उन्हें केंद्र मेंतो किसी सम्मानजनक पद पर तो समायोजित करने कीतैयारी तो नहीं हो रही। वहीं कुछ सियासी जानकारों का यहभी कहना है कि यूपी का चुनाव नजदीक आ रहा है। ऐसे मेंभाजपा संगठन में बदलाव के साथ सभी कील कांटा दुरुस्त.करके आगे बढ़ेगी।
लोकसभा चुनावमें मिले झटके से उबर कर पार्टी अब मिशन2027 में कोई खामी नहीं छोड़ना चाहती। ऐसे में पश्चिम यूपीकी सियासत में भी पार्टी कोई रिस्क लिए बिना चारो कोने.दुरुस्त करके चलेगी। पूर्व में भी पार्टी ने मुरादाबाद निवासीभूपेंद्र चौधरी को अहमित देकर पूरे पश्चिम यूपी के जाट समाजको संदेश दिया कि जाट समाज उनके लिए कितना अहमियतरखता है। सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री बनाया फिर संगठनमें प्रदेश की कमान सौंपी।वह बात दीगर है कि लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ागया पर पार्टी को आशानुरूप सफलता नहीं मिली। इन सबबातों को भूल कर पार्टी पूरे राजनीतिक समीकरणों का गणितलगाकर चल रही है। ऐसे में भूपेंद्र चौधरी की नई ताजपोशी मेंअहमियत मिलेगी ऐसा माना जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रबलसंभावना यही है कि भाजपा उन्हें योगी कैबिनेट में अहममंत्रालय दे सकती है।मथुरा तक की गणित लगा रही पार्टी
मुरादाबाद जिले से लेकर मथुरा तक जाटों की संख्या अच्छी.खासी है। अब रालोद भी भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार है।किसी टाइम में चौधरी चरण सिंह के इशारे पर मतदाता एक.जगह चला जाता था। इसके बाद भाजपा में कुछ जाट चेहरोंने अपना रसूख कायम किया। उनमें लक्ष्मी नारायण चौधरी सेलेकर संजीव बालियान समेत कई नाम शामिल रहे। वर्तमान मेंभूपेंद्र चौधरी का जाट समाज में एक बड़ा कद है।पश्चिम में जिसके साथ जाट उसी के ठाठ.मुरादाबाद। पश्चिम यूपी का सियासी गणित कुछ इस तरहका है कि जिसके साथ जाट समाज खड़ा हो जाता है वही.सफल होता है। भाजपा संगठन के लिहाज से पश्चिम क्षेत्र में14 लोकसभा और 71 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर परजाट बिरादरकी का दबदबा है। बहुतायत में जाट मतदाता यहांजीत हार तय करता है। विधानसभा क्षेत्र की 50 सीटों पर जाट.समाज निर्णायक है।




