जनपद हापुड़/गंगा एक्सप्रेसवे परमिशन की आड़ में प्लॉटों का भराव करने वाले तीन डंपरो को किया सीज. सिंभावली क्षेत्र में गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य के चलते मिट्टी के भराव परमिशन की आड़ में डंपर संचालक एवं मिट्टी ठेकेदारों के द्वारा गंग नहर से मिट्टी उठाकर क्षेत्र में छोटे-छोटे प्लाटों का भराव करने का सिलसिला जारी है। जिस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए तीन डंपरों को सीज करने की कार्यवाही की है। जिसको लेकर मिट्टी खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।आपको बता दें कि क्षेत्र में चल रहे गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य पर मिट्टी ठेकेदारों एवं डंपर संचालकों के द्वारा मिट्टी खनन माफियाओं से साठगांठ कर क्षेत्र में चल रही अवैध प्लॉटिंगों का भराव करने का सिलसिला जारी है। जो प्रशासन के द्वारा कार्यवाही करने के बावजूद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों की माने तो इस गोरख धंधे को सफेद पोश सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं के द्वारा शिकायत करने पर जब शासन प्रशासन के आला अधिकारियों को सत्ताधारी सफेद पोश नेता का काम होने का पता चलता है। तो प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही करने के नाम पर चुप्पी साध जाते हैं। लेकिन जब यह मामला मीडिया के द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता है।तब कहीं जाकर सत्ताधारी सफेद पोश नेताओं के काम में प्रशासनिक अधिकारी हस्तक्षेप करते हैं। इसमें देखने योग्य तो बात यह है कि जिला खनन अधिकारी नीलू शर्मा तत्कालीन एसडीम अंकित वर्मा के द्वारा मिट्टी खनन माफिया पर बहुत बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। उसके उपरांत दो डंपरों पर सीज करने की कार्यवाही एसडीएम साक्षी शर्मा के द्वारा की जा चुकी है। लेकिन फिर भी मिट्टी खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। क्योंकि कहीं ना कहीं इन माफिया को प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। जिसके चलते जनपद में मिट्टी खनन का अवैध गोरख धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। और सत्ता पक्ष के लोग ही खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के आदेशों की खुले आम धज्जियां उड़ा रहे हैं। कई छुट भैया नेताओं का कहना है की सत्ता में बट रही रेवड़ी ही नहीं लूट पाओगे तो काम कैसे चलेगा। नेताजी के शब्दों से यहां पर यह कहावत चरितार्थ होती है कि राम नाम की लूट है बंदे लूट सके तो लूट अंतकाल पछताएगा जब निपट जाएगी लूट। — रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा