जनपद हापुड़/आम के हरे फलदार वृक्ष काटने का लकड़ी माफियाओं का सिलसिला जारी। जनपद की तहसील गढ़मुक्तेश्वर के थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र में आम के फलदार हरे भरे वृक्ष काटने का लकड़ी माफियाओं का सिलसिला जारी है। लकड़ी माफियाओं ने आम के हरे वृक्षों के कटान करने के प्रतिबंध के चलते पेड़ों का कटान करने को लेकर अपना पेटर्न चेंज करते हुए एक पेड़ को जमीन पर खड़े रहने के चलते अलग-अलग भागों में काटना शुरु कर दिया है।सूत्रों की माने तो बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र आम के हर फलदार वृक्ष काटने को लेकर हर समय सुर्खियों में रहता चला आ रहा है। वन विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर यह गोरख धंधा खूब फल फूल रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में यदि कोई मामला सोशल मीडिया की सुर्खियां बनने के उपरांत आ भी जाता है। तो उसे पर मात्र एक मामूली सा जुर्माना लगाकर अपनी इति श्री कर दी जाती है। देखने योग्य बात यह है कि यदि वन विभाग के आला अधिकारियों से से पूछा जाए कि आज तक इन्होंने कितने लकड़ी माफियाओं के विरुद्ध वास्तविक धाराओं में मुकदमे पंजीकृत कराए हैं तो सही जवाब नहीं दे पाएंगे। लकड़ी माफियाओं का यह गोरख धंधा वन विभाग के अधिकारियों आखिर नजर क्यों नहीं आ रहा है। जबकि बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव डहरा रामपुर के जंगल में लकड़ी माफियाओं के द्वारा फॉर्म के फलदार हरे वृक्षों पर लगातार कुल्हाड़ी बजाई जा रही है। वही एक लकड़ी माफिया ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस गोरख धंधे को अंजाम देने से पूर्व वन विभाग के अधिकारियों एवं पुलिस से साठगांठ कर उनकी दोनों विभाग की आंखों पर चांदी का चश्मा पहना दिया जाता है। उसके उपरांत बेधड़क बैखौफ होकर इस गोरख धंधे को दिया जाता है अंजाम उसके उपरांत दोनों विभाग इस गोरख धंधे से हो जाते हैं अनजान। रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा
