जनपद हापुड़/सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं होने का अध्यापक/ अध्यापिकाएं उठा रहे फायदा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय आदित्यनाथ योगी के द्वारा चलाए जा रहे। सर्व शिक्षा अभियान को सर्वोपरि करने के लिए सरकारी स्कूलों के सभी अध्यापकों को निर्देश जारी किए हुए हैं कि टाइम से स्कूल आए। लेकिन सरकारी स्कूलों में अध्यापक अध्यापिकाएं टाइम से नहीं पहुंचते हैं। जिसके चलते बच्चे खेल कूद में मस्त रहते हैं। जनपद के कई स्कूलों में देखा गया है कि अध्यापक अध्यापिकाएं कई कई घंटे लेट पहुंचते हैं। और अपनी अटेंडेंस लगाकर घर चले जाते हैं।आपको बता दें कि जहां उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्राथमिक विद्यालय एवं कंपोजिट विद्यालयों को मॉडल विद्यालय बनाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वही सरकारी स्कूलों में तैनात अध्यापक अध्यापिकाएं स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं होने के चलते पूरा फायदा उठा रहे हैं। ड्यूटी पर टाइम से नहीं आने के चलते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के आदेशों को खुलेआम पलीता लगा रहे हैं। इस तरह के मामले जनपद के कई स्कूलों में देखने को मिले हैं। जहां गर्मी के मौसम में भी सुबह 9:00 बजे तक अध्यापक स्कूल नहीं पहुंचते हैं। सूत्रों की माने तो लेट लतीफ करके आने वाले अध्यापक अध्यापिकाएं एक नया खेल खेलने के साथ अपने अवकाश का एक प्रार्थना पत्र बगैर दिनांक के अटेंडेंस रजिस्टर में लगाकर रखते हैं। यदि कोई आकाशमिक अधिकारी चेकिंग के लिए आता है। तो वहां पर फोर्थ क्लास के कर्मचारियों के द्वारा उसे पर तत्काल उनके अवकाश की दिनांक डाल दी जाती है। और उनको अवकाश पर बता दिया जाता है। यदि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी बायोमेट्रिक मशीन स्थापित कर दी जाए। तो अध्यापकों की लेट लतीफी का खुलासा एक माह में ही खुलकर सामने आ जाएगा। की किन-किन विद्यालयों में अध्यापक अध्यापिकाएं अपनी ड्यूटी का कर्तव्य निष्ठा पूर्वक निर्वाह कर रहे हैं।। रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा