जनपद में हापुड़ से लेकर तीर्थ नगरी ब्रजघाट तक मिट्टी खनन माफिया का बोलबाला है। और प्रशासन मिट्टी खनन माफियाओं पर मेहरबान नजर आने के साथ कार्रवाई करने को लेकर हलकान बना हुआ है।
आपको बता दें कि हापुड़ की तहसील धौलाना हापुड़ हो या फिर गढ़मुक्तेश्वर पूरे जनपद में मिट्टी खनन माफियाओं का माफिया राज चल रहा है। क्योंकि सफेद पोश सत्ता की हनक मे चूर मिट्टी खनन माफियाओं के द्वारा प्रशासन पर रौबदार मकड़ जाल फैलाया हुआ है। जिसके चलते प्रशासन इन मिट्टी खनन माफियाओं पर कार्रवाई करने को लेकर हलकान बना हुआ।
सूत्रों की माने तो जिले में सफेद पोश की आड़ में पीली मिट्टी का काला कारोबार करने वालों के द्वारा प्रशासन की आंखों पर चांदी का चश्मा लगाया हुआ है। जिसकी चमक में इन अवैध मिट्टी खनन माफियाओं का गोरख धंधा नजर नहीं आ रहा है। एन एच-9 मुरादाबाद एक्सप्रेसवे की दोनों साइड में अवैध प्लाटिंग में 1 फुट से लेकर 12 फीट तक के मिट्टी भराव को इन मिट्टी खनन माफिया के द्वारा बैखौफ किया जा रहा है। वही इस संबंध में जब किसी विभागीय प्रशासनिक अधिकारी से बात की जाती है। तो एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है। कीमत गंग नहर से मिट्टी उठाकर डालने की परमिशन है। जबकि मध्य गंग नहर से मिट्टी उठाकर केवल गंगा एक्सप्रेसवे पर डालने की परमिशन है। मिट्टी खनन माफिया के द्वारा अवैध प्लाटिंग में भराव करने की नहीं। जहां अवैध मिट्टी खनन माफिया अवैध प्लाटिंग में भराव का कार्य कर रहे हैं वहीं इनके द्वारा चलाए जा रहे। डंपरों के द्वारा क्षेत्र के सभी रास्तो एवं सड़कों को भी पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। जिसको लेकर गत दिनों भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी कुशल पाल सिंह आर्य के द्वारा भी इन डंपरों के संचालक पर रोक लगाने को लेकर चेतावनी दी गई थी। लेकिन प्रशासन के द्वारा आज तक भी अवैध रूप से मिट्टी खनन में चलाए जा रहे। इन डंपरों पर रोक लगाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा

