उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने जनपद लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी पर्व एवं त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर संबंधित को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश।
मुख्यमंत्री ने वीडियोकॉन कांफ्रेंसिंग कर कहा कि आगामी 16 जून को गंगा दशहरा, 17 जून को बकरीद, 18 जून को ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल का पर्व है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन है। जुलाई माह में मोहर्रम और कांवड़ यात्रा जैसे पवित्र कार्यक्रम होने वाले हैं। स्वाभाविक रूप से यह समय कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में शासन-प्रशासन को 24×7 एक्टिव मोड में रहने की आवश्यकता है। प्रदेश में 15 से 22 जून तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाना चाहिए। गंगा दशहरा के दृष्टिगत गंगा नदी के घाटों की साफ-सफाई और साज-सज्जा का विशेष ध्यान रखा चाहिए। स्नान कहां करना है यह सुनिश्चित हो और सतर्कता की दृष्टिगत गोताखोरों, PAC की फ्लड यूनिट तथा NDRF व SDRF की तैनाती भी की जाए।
बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिह्नांकन पहले से ही होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कहीं और कुर्बानी न हो। विवादित/संवेदनशील स्थलों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के निस्तारण की व्यवस्थित कार्ययोजना होनी चाहिए।
नमाज परम्परानुसार एक निर्धारित स्थल पर ही हो। सड़क मार्ग अवरुद्ध कर नमाज अदा नहीं होनी चाहिए। आस्था का सम्मान करें, किंतु किसी नई परंपरा को प्रोत्साहन न दें। वीडियोग्राफी कराएं, ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों। यदि कोई भी कानून हाथ में लेने का प्रयास करे, शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास करता मिले तो उसके साथ पूरी कड़ी से कड़ी कर कार्यावाही की जाए।
ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल पर भंडारा आयोजन की परंपरा रही है। आयोजकों को स्पष्ट रूप से बताया जाए कि प्रसाद खाकर अपशिष्ट सड़क के किनारे न फेकें जाएं। डस्टबिन की उपलब्धता हर भंडारा स्थल पर होनी चाहिए। नगर निगम/नगर पालिका के माध्यम से अपशिष्ट का निस्तारण सुनिश्चित कराएं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध कड़ाई से लागू करें। पर्व और त्योहारों को ‘अवेयरनेस’ का माध्यम बनाया जाए।ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं ऐसे मामलों पर नजर रखी जाए।संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। PRV 112 एक्टिव रहे। अराजकतत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए। जनता दर्शन कार्यक्रम पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। जिलों से आ रहीं शिकायतों/आवेदनों की समीक्षा की जा रही है। जिस क्षेत्र से अधिक शिकायतें मिल रहीं हैं। उसी अनुसार वहां के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। जनता दर्शन कार्यक्रम जिला, रेंज, जोन स्तर भी तत्काल शुरू हो जाए। कौन सा अधिकारी, किस दिन कहां जनसुनवाई करेगा, इसके बारे में जनता के बीच पहले से ही प्रचार-प्रसार किया जाए।फील्ड में तैनात अधिकारियों को CUG फोन दिए गए हैं। यह जनता के लिए है। इसे 24×7 चालू रखें। हर अधिकारी यह फोन स्वयं रिसीव करें। कतिपय कारणवश रिसीव न कर सकें तो कॉल बैक करें। जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाए रखें। उनकी अपेक्षाओं-समस्याओं को सुनें। मेरिट के आधार पर उसका निराकरण करें।


योग,भारतीय मनीषा द्वारा विश्व मानवता को प्रदान किया गया। वह अमूल्य उपहार है, जो शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखता है। हमारे ऋषि-मुनियों के इस प्रसाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरी दुनिया को परिचित कराया है। इस वर्ष 21 जून को 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘योग स्वयं एवं समाज के लिए’ रखी गई है।जिससे योग के माध्यम से प्रत्येक परिवार को कल्याण एवं स्वास्थ्य प्राप्त हो सके। 21 जून के मुख्य समारोह को सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में आयोजित किया जाए। अमृत सरोवर, ऐतिहासिक महत्व के स्थलों और सांस्कृतिक स्थलों में योगाभ्यास कराया जाना उचित होगा। आम जन की सुविधा और जागरूकता के लिए कॉमन योग प्रोटोकॉल के वीडियो भी प्रसारित किए जाने चाहिए। वार्ड स्तर भी योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए। इस दिन सभी मंत्रीगण अपने प्रभार वाले जनपद में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करें।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा