Friday, June 20, 2025
29.8 C
Delhi
Friday, June 20, 2025
spot_img
HomeBlogसऊदी में कहर ढा रही गर्मी, अब तक छह हज यात्रियों की...

सऊदी में कहर ढा रही गर्मी, अब तक छह हज यात्रियों की हुई मौत

मक्का की गर्मी में वॉटर स्प्रे, मिस्टिंग सिस्टम भी हो जाएंगे फेल? 44 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर के बीच शुरू हुई हज यात्रा

सऊदी में इस साल हज के दौरान पारा 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. भीषण गर्मी के कारण मक्का में अब तक छह हज यात्रियों की मौत हो चुकी है, सभी छह मृतक जॉर्डन के नागरिक हैं. हज यात्रा के मुख्य कार्यक्रम माउंट अराफात पर इकट्ठा होने के दौरान इनकी मौत की खबर सामने आई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, “हज अधिकारी लोगों को छाता ले जाने और भीषण गर्मी में हाइड्रेट होने के लिए कह रहे हैं.”

प्रशासन ने यात्रियों से गर्मी से बचने और सूरज के डायरेक्ट कॉनटेक्ट में आने से बचने की सलाह दी है. साथ ही उम्रदराज और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों से खास ध्यान रखने को कहा है.गल्फ न्यूज के अनुसार नेशनल सेंटर ऑफ मेट्रोलॉजी (NCM) ने तीर्थयात्रियों से सीधे सूरज के संपर्क में आने से बचने को कहा है, खासतौर पर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच क्योंकि इस दौरान सूरज सिर के ऊपर होता है. साथ ही इस वक्त टेंपरेचर भी सबसे ज्यादा हाई रहता है. इसके अलावा, यात्रियों को बारिश और तूफान जैसी स्थिति के दौरान बाहर न निकलने की भी सलाह दी है. उन्हें हज यात्रा और हज से जुड़े अनुष्ठान शुरू करने से पहले मौसम संबंधी खबरों पर नजर रखने को कहा गया है और एनसीएम के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.

इस साल करीब बीस लाख तीर्थयात्री हज यात्रा करेंगे. सऊदी अरब के अधिकारियों का अनुमान है कि इस दौरान मक्का का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. ऐसे में सऊदी प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की यात्रा आसान बनाने के लिए तमाम उपाय किए हैं. ग्रैंड मस्जिद में मिस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत लगाए गए मिस्टिंग फैन गर्मी से राहत पहुंचान में मदद करते हैं. इसके अलावा, काबा के पास एयर कंडिशंड स्पेस बनाए गए हैं, रास्तों को छातों से कवर किया गया है, सफेद पत्थर लगाए गए हैं, जो टेंपरेचर को 20 डिग्री सेल्सियस तक कम करते हैं और क्लामेट कंट्रोल पाथवे बनाए गए हैं.

प्रशासन की तरफ से 32,000 मेडिकल प्रोफेशनल को तैनात किया गया है, मक्का और मदीना में मोबाइल क्लीनिक बनाए गए हैं और तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र साइट पर अलग-अलग मेडिकल सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी. साथ ही पांच हजार डॉक्टर और सनस्ट्रोक के ट्रीटमेंट के लिए 183 हेल्थकेयर और इंटेनसिव केयर यूनिट लगाई गई हैं.

मक्का की गर्मी में वॉटर स्प्रे, मिस्टिंग सिस्टम भी हो जाएंगे फेल? 44 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर के बीच शुरू हुई हज यात्रा

प्रचंड गर्मी के बीच हज यात्रा शुक्रवार (14 जून, 2024) को शुरू हो चुकी है. वॉटर स्प्रे, मिस्टिंग सिस्टम और एयर-कंडिशंड स्पेस जैसे तमाम इंतेजाम सऊदी अरब प्रशासन ने किए हैं, लेकिन साइंटिस्ट का कहना है कि क्लाइमेट चेंज की वजह से ये उपाय राहत पहुंचाने में नाकाम साबित हो सकते हैं.

एक स्टडी में बताया गया कि हज यात्रा गर्मी में ही की जाती है और पिछले सालों के रिकॉर्ड देखें तो इस गर्मी से लोग बीमार होते हैं और कई बार मौत के मामले भी सामने आ चुके हैं. रियाद के किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्टिपल एंड रिसर्च सेंटर की तरफ से पिछले महीने एक स्टडी छपी थी. इस स्टडी में बताया गया कि हज का समय इस्लामिक लूनार कैलेंडर द्वारा निर्धारित किया जाता है और लंबे समय से हज यात्रा गर्मी के मौसम में हो रही है, जिसकी वजह से इस दौरान हीट स्ट्रेस के कई मामले देखे गए हैं. स्टडी में बताया गया कि साल 1987 में गर्मी की वजह से 1000 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई. हालांकि, पिछले 40 सालों में जो उपाय किए गए हैं, उनकी वजह से हीट स्ट्रेस के 74.6 फीसदी तक केस कम हुए हैं और मौत के मामलों में भी 47.6 फीसदी की कमी आई है.

44 डिग्री टेंपरेचर के बीच हज यात्रा शुरू

गल्फ न्यूज के अनुसार हज के दौरान मक्का का तापमान एवरेज 44 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. इस बार दुनियाभर से करीब 20 लाख यात्री हज के लिए मक्का पहुंचे हैं. उनकी यात्रा आसान बनाने के लिए प्रशासन पिछले एक महीने से इंतेजाम करने में जुटा है. ग्रैंड मस्जिद अल-हरम के अंदर स्थित काबा के पास एयर-कंडिशंड स्पेस बनाए गए हैं, जहां पर तीर्थयात्री आराम कर सकते हैं. काबा के चारों ओर ही तीर्थयात्री चक्कर लगाते हैं और प्रार्थना करते हैं. ऊपर से खुला होने की वजह से तीर्थयात्री भीषण गर्मी में हज यात्रा से जुड़ी प्रक्रियाएं करते हैं.

गर्मी से बचाव के लिए क्या उपाय किए गए?

ग्रैंड मस्जिद में दो पहाड़ियां भी हैं, साफा और मरवा. इन दोनों पहाड़ियों के बीच के रास्ते के लिए क्लाइमेट कंट्रोल पाथवे बनाया गया है. इसके अलावा, पिछले साल हज के लिए सड़कों को सफेद पत्थर से कवर किया गया था. सऊदी के अधिकारियों का कहना है कि यह पत्थर तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस तक कम कर देता है. वहीं, हज के दौरान तीर्थयात्रियों के लिए पानी और छातों की व्यवस्था भी रहती है. यहां मिस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं और एयर-कंडिशंड शॉपिंग मॉल तीर्थयात्रियों को प्रचंड गर्मी से राहत देने का काम करते हैं.

पिछली बार हीट स्ट्रोक और गर्मी से जुड़े 10 हजार केस सामने आए

सऊदी अरब स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद अल अब्दुलाली ने कहा कि उम्रदराज लोगों और जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते हैं, उनके लिए यहां का हाईटेंपरेचर खतरनाक हो सकता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल हीट स्ट्रोक और प्रचंड गर्मी से जुड़ी समस्याओं के करीब 10 हजार मामले सामने आए थे. इस दौरान कुछ मौतें भी हुई थीं, लेकिन मेडिकल टीम के रैपिड एक्शन की वजह से ऐसे ज्यादा मामले सामने नहीं आए.

जन सेवा भारत न्यूज़ पोर्टल सम्पादक श्री मुहीत चौधरी जी की क़लम से

जन सेवा भारत न्यूज़ पोर्टल सम्पादक श्री मुहीत चौधरी ,, गढ़मुक्तेश्वर का लाडला

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular