हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के अधिकारी उड़ा रहे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के आदेशों की धज्जियां। हापुड़ पिलखुआ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की सह पर पुराने एनएच 24 हाईवे दिल्ली रोड पर शाहपुर जट्ट में कुचेसर चौपला से पहले बगैर नक्शा स्वीकृत के चल रहा है।एक कमर्शियल निर्माण प्रतिदिन सुबह शाम इस निर्माण के सामने से होकर गुजरने के उपरांत भी अधिकारी इस अवैध निर्माण कर कोई कारवाई करने को तैयार नहीं है। ऐसे ही कई निर्माण सिंभावली क्षेत्र में भी चल रहे हैं। जिसमें टोडलपुर रोड पर आधा दर्जन अवैध कमर्शियल दुकानों का निर्माण बहुत बड़े स्तर पर चल रहा है। गांव बक्सर में ठाकुर वाली गली में अवैध कॉलोनाइजरों के द्वारा बगैर नक्शा स्वीकृत के बहुत बड़े पैमाने पर कालोनी काटी जा रही है। जिसमें अवैध निर्माण अपनी चरम पर है। वही सिमरा गार्डन कॉलोनी हनुमान मंदिर के पास अवैध कॉलोनाइजर के द्वारा अवैध मिट्टी का भराव कर प्लाटिंग की जा रही है। जिसमें एक दर्जन से अधिक पिलर खड़े होकर निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। सूत्रों के अनुसार अभियंता की आंखों पर शाहपुर जट्ट और सिंभावली में टोडलपुर पर बगैर नक्शा स्वीकृत के कमर्शियल अवैध निमार्ण स्वामियों ने अच्छा खासा चांदी का मोटा चश्मा पहना दिया है। जिसकी चमक में हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण को यह अवैध निर्माण नजर नहीं आ रहे है। अगर देखा जाए तो और अनेक जगह पर ऐसे ही अवैध निर्माण कार्य चल रहे है। अगर इन बगैर नक्शा स्वीकृत कमर्शियल अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग हापुड पिलखुआ विकास प्राधिकरण के द्वारा की जाए तो लाखों रुपए का राजस्व एचपीडीए को प्राप्त हो सकता है। लेकिन यह कर्मचारी ऐसा क्यों करेंगे क्योंकि फील्ड से होने वाली उगाही सीधे अधिकारियों की जेबों में जाती है। इसलिए दस्तावेजों में कंपाउंडिंग की कार्रवाई करेंगे तो वह पैसा सरकार के राजस्व खाते में चला जाएगा। जिसका अधिकारियों को लाभ नहीं मिलेगा।
रिपोर्टर भूपेंद्र.वर्मा
