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UPS : सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा

Unified Pension Scheme : मोदी कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसमें सरकारी कर्मचारियों को आखिरी सैलरी का करीब 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा। शनिवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी है। वैष्णव ने कहा, ‘आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी है। 50% सुनिश्चित पेंशन इस योजना का पहला स्तंभ है। दूसरा स्तंभ सुनिश्चित फैमिली पेंशन होगी। लगभग 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी एकीकृत पेंशन योजना से लाभान्वित होंगे। कर्मचारियों के पास एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।’

इस स्कीम के हैं 5 पिलर्स

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने दुनिया की पेंशन स्कीम्स को देखा, एक्सपर्ट्स से परामर्श लिया। उसके बाद भारत की अर्थव्यवस्था को देखते हुए एक यूनिफाइड पेंशन स्कीम का सुझाव आया था। आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इस स्कीम को अप्रूव किया है। यह स्कीम अभी आने वाले समय में लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के 5 पिलर्स हैं। उन्होंने कहा, ‘कर्मचारियों की तरफ से सबसे बड़ा पॉइंट यह था कि उन्हें सुनिश्चित पेंशन चाहिए। यह वाजिब मांग थी। इस मांग पर हमने पूरी रिसर्च करके एक प्रोसेस के साथ 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन इस योजना में लेकर आए हैं।’

कितनी मिलेगी पेंशन?
वैष्णव ने कहा, ‘यह अमाउंट रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी होगा। इस पेंशन के लिए सर्विस योग्यता 25 साल रहेगी। यानी जो कर्मचारी 25 साल तक सर्विस देगा, उसे यह सुनिश्चित पेंशन मिल पाएगी। 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा सर्विस है, तो उसे सर्विस के समानुपात में पेंशन मिलेगी।’

कर्मचारी की मौत होने पर फैमिली पेंशन

कर्मचारी की अगर मृत्यु हो जाए, तो फैमिली पेंशन परिवार को बहुत मदद करती है। वैष्णव ने कहा कि इस योजना में दूसरा पिलर सुनिश्चित फैमिली पेंशन है। किसी भी कर्मचारी की मृत्यु से पहले जो पेंशन थी, उसका 60 फीसदी मृत कर्मचारी की पत्नी/पति को मिलेगा।

मिनिमम पेंशन का प्रावधान

योजना का थर्ड पिलर सुनिश्चित मिनिमम पेंशन है। कई बार कर्मचारी की सर्विस कम होती है और सर्विस के दौरान जितना योगदान हुआ है उससे पेंशन में पर्याप्त राशि नहीं मिल पाती। यह भी केद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच एक बड़ा मुद्दा था। इसलिए 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित मिनिमम पेंशन का प्रावधान इस स्कीम में किया गया है। महंगाई राहत जो मिलेगी, वो आज की तारीख में 15,000 रुपये प्रति माह हो जाती है।

इस स्कीम का चौथा पिलर इन्फ्लेशन के साथ इंडेक्सेशन है। जैसे केंद्र सरकार के कर्मचारी के लिए सैलरी में महंगाई भत्ता होता है, उसी पैटर्न पर समान इंडेक्स को यूज करके सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित फैमिली पेंशन और सुनिश्चित मिनिमम पेंशन इन तीनों पर इन्फ्लेशन इंडेक्सेशन लगेगा। यानी पेंशन में महंगाई का ध्यान रखा जाएगा।

ग्रेच्युटी के अलावा अतिरिक्त पेमेंट

इस स्कीम का पांचवां पिलर सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान है। हर 6 महीने की सर्विस के लिए सेवानिवृत्ति की तारीख पर मंथली वेतन (pay + DA) का 1/10 वां हिस्सा मिलेगा। इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की रकम कम नहीं होगी।

कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा स्कीम का भार

वैष्णव ने बताया कि इस स्कीम से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों के सामने विकल्प रहेगा कि अगर वे एनपीएस में रहना चाहे, तो उसमें रह सकते हैं। राज्य सरकारें इसी फ्रैमवर्क को यूज करना चाहें, तो कर सकती हैं। राज्य सरकार के कर्चमारी भी इसमें शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्मचारियों पर इस स्कीम का भार नहीं पड़ेगा।

रि० जन सेवा भारत न्यूज़ पोर्टल सम्पादक श्री मुहीत चौधरी जी की क़लम से

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