Friday, April 18, 2025
39 C
Delhi
Friday, April 18, 2025
spot_img
HomeBlogहिजबुल्लाह पेजर ब्लास्ट की जांच में फंसा भारतीय व्यापारी, जानें जासूसी खेल...

हिजबुल्लाह पेजर ब्लास्ट की जांच में फंसा भारतीय व्यापारी, जानें जासूसी खेल में केरल से क्या है कनेक्शन

लेबनान में हजारों पेजरों के धमाके ने दुनिया को चौंका दिया, जिसमें करीब 20 लोग मारे गए और हज़ारों हिजबुल्लाह सदस्य घायल हो गए. इन पेजर धमाकों ने न केवल एक इंटेलिजेंस मानचित्र तैयार किया, बल्कि यह भी दिखाया कि इज़राइल की जासूसी एजेंसियों ने पेजरों को विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल करने का असामान्य तरीका कैसे अपनाया.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस जटिल मामले में एक केरल में जन्मे व्यक्ति का नाम भी सामने आया है, जो अब नार्वेजियन नागरिक है.

हंगरी की मीडिया रिपोर्ट और संदिग्ध कंपनी

हंगरी के मीडिया आउटलेट Telex की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बुल्गारियाई कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड इन पेजरों के सौदे के पीछे थी. यह कंपनी नार्वेजियन नागरिक रिन्सन जोस द्वारा स्थापित की गई थी, जिसकी जड़ें भारत के केरल राज्य के वायनाड जिले से जुड़ी हैं. The Cradle के अनुसार, नॉर्टा ग्लोबल पेजरों की आपूर्ति में शामिल थी.

केरल से नार्वे तक का सफर

शुक्रवार को कई केरल-आधारित मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया कि रिन्सन जोस का जन्म वायनाड के मनंथवडी में हुआ था और उन्होंने एमबीए पूरा करने के बाद नार्वे की नागरिकता ले ली. स्थानीय टीवी चैनलों ने उनके रिश्तेदारों से बात की, जिसमें यह भी खुलासा हुआ कि रिन्सन के पिता, जोस मूथेडम, एक दर्जी हैं और मनंथवडी में एक दर्जी की दुकान में काम करते थे. उन्हें इलाके में ‘टेलर जोस’ के नाम से जाना जाता है.

संदेह से मुक्ति, फिर भी सवाल बरकरार

बुल्गारियाई सुरक्षा एजेंसी SANS की जांच में यह सामने आया कि ऐसी कोई शिपमेंट बुल्गारिया से नहीं गुजरी, जिससे रिन्सन जोस और उनकी कंपनी Norta Global को फिलहाल क्लीन चिट मिल गई. लेकिन सवाल यह है कि केरल में जन्मा एक व्यक्ति इस जटिल मामले में कैसे आ गया?

धमाकों के पीछे की जटिल साजिश

हिज़्बुल्लाह के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पेजरों के अचानक फटने के बाद ध्यान उन कंपनियों की ओर गया जो इन पेजरों की आपूर्ति से जुड़ी थीं. इसमें कई महाद्वीपों पर फैली कंपनियों का जाल सामने आया, जिनमें से कुछ फर्जी कंपनियाँ हो सकती हैं, जिन्हें इज़राइल ने जांचकर्ताओं को भटकाने के लिए बनाया हो.

पेजर एक ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो (Gold Apollo) के ब्रांड नाम से बनाए गए थे, लेकिन इस कंपनी के अध्यक्ष हसू चिंग-क्वांग ने कहा कि “यह उत्पाद हमारा नहीं है, यह सिर्फ हमारे ब्रांड का उपयोग कर रहा था.”

हंगरी से बुल्गारिया तक फैली जांच की कड़ियां

गोल्ड अपोलो के अध्यक्ष ने पेजरों को हंगरी स्थित कंपनी BAC Consulting से जोड़ा, जो बुडापेस्ट में स्थित थी और गोल्ड के साथ तीन साल का लाइसेंसिंग समझौता था. Telex की रिपोर्ट के अनुसार, BAC Consulting इस सौदे में केवल एक मध्यस्थ के रूप में काम कर रही थी. इस कंपनी का कोई ऑफिस नहीं था और इसे केवल एक पते पर पंजीकृत किया गया था.

यह संभावना जताई जा रही है कि BAC Consulting एक फर्जी कंपनी थी जिसे इज़राइल ने बनाई थी. Telex की रिपोर्ट में बताया गया कि BAC Consulting के प्रबंध निदेशक, क्रिस्टियाना बारसोनी-आर्सिडियाकोनो ने बुल्गारिया स्थित Norta Global Ltd से यह सौदा किया था.

यह मामला दिखाता है कि कैसे वैश्विक व्यापार, जासूसी और राजनीति के जटिल जाल में एक केरल में जन्मे व्यक्ति का नाम सामने आ सकता है. रिन्सन जोस और उनकी कंपनी फिलहाल जाँच से बाहर हैं, लेकिन यह कहानी यह बताती है कि आज के वैश्विक व्यापार और राजनीति में संदिग्ध संबंध और फर्जी कंपनियों का उपयोग किस हद तक हो सकता है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular