ईरान-समर्थित लेबनानी आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह ने हाइफा के दक्षिण में मिसाइलें दागी हैं. इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि हिज्बुल्लाह के दागे गए लगभग 230 प्रोजेक्टाइल लेबनान से इजरायल में प्रवेश किए हैं.
आईडीएफ का कहना है कि वे अपनी सीमा की रक्षा के लिए सतर्क हैं.
इजरायल में आज बुधवार को भी हमले किए गए लेकिन इस हमले के दौरान कोई सायरन नहीं बजे, जिससे हमले के दावों की पुष्टि नहीं हुई. हिज्बुल्लाह ने आरोप लगाया कि इजरायली सेना शहरी इलाकों में स्थित मकानों का इस्तेमाल कर रही है और इसे अपना निशाना बना रही है. हालांकि, वहां कोई चेतावनी सायरन नहीं बजे और कोई हमला नजर नहीं आया.
इजरायल के सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना
बताया जा रहा है कि दिन की शुरुआत में ही हिज्बुल्लाह ने इजरायल नागरिकों को सेना के साइटों से दूर रहने की चेतावनी दी थी. संगठन का कहना है कि इजरायली सेना हाइफा, ताबेरियास, और एक्कर जैसे प्रमुख शहरों में आवासीय इलाकों का इस्तेमाल करती है, और उन्होंने इन इलाकों में हमले किए हैं.
हाइफा में लगातार बज रहे थे सायरन
मसलन, तनाव बढ़ने के साथ ही हाइफा में लोगों ने सायरन की आवाज सुनकर आसपास के बंकरों में पनाह ली थी. इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच लगभग एक वर्ष से लगातार सीमा पर गोलाबारी चल रही है, जिसमें हिज्बुल्लाह ने यह कहते हुए समर्थन दिया कि वे अपने फिलिस्तीनी सहयोगी हमास का समर्थन कर रहे हैं.
इजरायली हमले में 20 से ज्यादा मौतें
संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने हिज्बुल्लाह को स्पष्ट संदेश दिया कि अगर वे तनाव को कम करना चाहते हैं तो उन्हें तत्काल नागरिकों पर गोलाबारी बंद करनी होगी और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 के मुताबिक लिटानी नदी के उत्तर में पीछे हटना होना होगा. इसके उलट इजरायली हमले में बेरूत में किए गए हमलों में 22 लोग मारे गए थे और एक सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे.