एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने कहा है कि वह रूसी सेना में गलत तरीके से भर्ती किए गए अपने नागरिकों को लेकर पुतिन सरकार के साथ लागातार संपर्क में है और उन लोगों को वापसी के लिए दबाव बना रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव ने बताया कि लगभग 85 लोगों को सफलतापूर्वक रूसी सेना से मुक्त करा लिया गया है और 20 लोगों की वापसी के लिए बातचीत जारी है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘हमारे दूतावास के अधिकारी उन भारतीयों के मुद्दे पर रूस के विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के वार्ताकारों के साथ निकट संपर्क में हैं, जिन्हें अवैध रूप से या किसी अन्य तरीके से रूसी सेना में लड़ने के लिए अनुबंधित किया गया था। इस मामले को राष्ट्रपति पुतिन के साथ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उच्चतम स्तर पर उठाया गया था।’
’85 लोगों को वापस लाया गया’
विदेश सचिव ने बताया, ‘लगभग 85 लोग रूस से वापस आ चुके हैं और दुर्भाग्य से, संघर्ष के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों के पार्थिव अवशेष हमने वापस कर दिए हैं। लगभग 20 लोग बचे हैं और हम अपने वार्ताकारों पर वहां सशस्त्र बलों में शेष सभी लोगों की रिहाई के लिए दबाव डाल रहे हैं।’
चीन के साथ LAC में पेट्रोलिंग पर बनी सहमति
इधर, विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को लेकर भी बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि भारत और चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर नई सहमति बन गई है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, ‘पिछले कई हफ्तों से भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता हो रही है। चीन के साथ एलएसी के मुद्दों पर हमारा समझौता हुआ है। सैनिकों की वापसी और स्थिति के समाधान के लिए पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है। द्विपक्षीय मुद्दे पर हम अभी भी समय और व्यस्तताओं के अनुरूप काम कर रहे हैं।’
