जनपद हापुड़/बाबा दरगाई साहब की 300 साल पुरानी समाधि पर चादर चढ़कर मन्नत मांगने वाले श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब
जनपद की तहसील गढ़मुक्तेश्वर के सिंभावली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव लिसडी ढाना में स्थित तीन सौ साल पुरानी दरगाई साहब की समाधि पर बसंत पंचमी के अवसर पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले में दूर दराज से आकर चादर चढ़कर मन्नतें मांगने वाले श्रद्धालुओं का उमड़ा जन सैलाब।विदित रहे कि तहसील गढ़मुक्तेश्वर के सिंभावली ब्लॉक के गांव लिसड़ी ढाना में स्थित बाबा दरगाही साहब की समाधि पर जनश्रुति के अनुसार बसंत पंचमी पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा बाबा दरगाई साहब की समाधि पर चादर चढ़कर मन्नतें मांगी जाती हैं। और मन्नतें पूरी होने पर अगले वर्ष आकर फिर से श्रद्धालु बाबा की समाधि पर चादर चढ़ाकर बाबा से अरदास लगाकर धन्य हो जाते हैं। वही इस मेले की मान्यता को लेकर बाबा दरगाह साहब की समाधि के मठाधीश महाराज देवेश्वरानंद ने बताया कि इस समाधि को 300 वर्ष पूर्व मुगल बादशाह शाह आलम दुर्गादास के शिष्य थे। जिसके चलते बादशाह शाहआलम ने दुर्गादास की याद में बाबा दरगाई साहब की समाधि की स्थापना कराई थी। तभी से इस समाधि पर बसंत पंचमी के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता चला आ रहा है। जिसमें दूर दराज से आकर श्रद्धालु बाबा की समाधि पर चादर चढ़कर मन्नत मांग कर धन्य हो जाते हैं। साथ ही इस तीन दिवसीय मेले को लेकर मेले में उमड़ने वाले जन सैलाब की सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टिगत जिला प्रशासन की ओर से भी पूर्ण सहयोग किया जाता है। ताकि दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा
