ब्रिटेन सरकार ने अपनी “अभी निर्वासित, बाद में अपील” (Deport Now Appeal Later) योजना का विस्तार किया है. इसमें अब भारत सहित 22 अन्य देशों को शामिल किया गया है.
यह नीति ब्रिटेन को विदेशी अपराधियों को सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद, ब्रिटेन की अदालतों में उनकी अपील की सुनवाई का इंतज़ार किए बिना, निर्वासित करने की अनुमति देती है. हालांकि, आतंकवादियों और हत्यारों जैसे गंभीर अपराधियों को निर्वासन से पहले अपनी पूरी सज़ा पूरी करनी होगी.
क्या है ये योजना?
इस नीति के तहत, ब्रिटेन में अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए विदेशी नागरिकों को सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद उनके देश वापस भेज दिया जाता है. अगर वे फैसले को चुनौती देना चाहते हैं, तो वे वीडियो सुनवाई के ज़रिए विदेश से ही अपील कर सकते हैं. इसका मतलब है कि उन्हें अपनी अपील की सुनवाई का इंतज़ार करते हुए ब्रिटेन में नहीं रहना पड़ेगा.
कौन-कौन से देश हुए हैं शामिल?
यह योजना मूल रूप से आठ देशों को कवर करती थी, लेकिन अब इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, केन्या और कई अन्य देशों सहित 23 देश शामिल हो गए हैं.
बदलाव की क्यों थी जरूरत
ब्रिटेन सरकार का कहना है कि यह कदम विदेशी अपराधियों को निर्वासन में देरी के लिए कानूनी व्यवस्था का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए है. पहले कई अपराधी अपनी अपील प्रक्रिया के दौरान सालों तक ब्रिटेन में रहते थे, जिससे आव्रजन प्रणाली पर दबाव पड़ता था और करदाताओं का पैसा खर्च होता था. एक कैदी को रखने की औसत लागत सालाना लगभग £54,000 है. निर्वासन में तेज़ी लाकर, ब्रिटेन का लक्ष्य अपनी जेलों में विदेशी अपराधियों की संख्या कम करना, लागत कम करना और जन सुरक्षा में सुधार करना है.




