गढ़मुक्तेश्वर/जनपद की तहसील गढ़मुक्तेश्वर के अंतर्गत आने वाले संभावली ब्लॉक के छोटे से गांव मुरादपुर की सागर कालोनी में एक साधारण परिवार में जन्मे बेखौफ शायर डा.नरेश सागर ने फिर अपनी विशिष्ट उपस्थित और निर्भीक कलम के सहारे साहित्य के क्षेत्र में फिर एक और मुकाम हासिल किया है। मेहनत लगन और कलम किसी की मोहताज नहीं होती इंसान मेहनत लगन और मुकाम पाने की चाहत को लेकर जज्बा और जुनून के साथ कलम चलाएगा तो सफलता कदम चूम लेती है। जिसका जीता जागता उदाहरण है।


बेखौफ नाम से चर्चित डा.नरेश कुमार ‘सागर’ जिनको विश्व हिंदी सृजन सागर मंच जो एक अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मंच है। उसकी आनलाईन काव्य प्रतियोगिता व मंचन में देश की एकता व अखंडता पर काव्य पाठ और उत्तम लेखनी के लिए मंच ने उन्हें साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया है। जो एक कलमकार के लिए गौरव की बात होती है,डा.सागर ने कहा कि जहां अपने क्षेत्रीय साहित्यक संगठनों के लोग मुझे बराबर नजर अंदाज़ करते रहे है। और मुझे साहित्यकार मानने से बच रहे थे।
आज वहीं दुनिया भर के मंच मुझे और मेरी कलम की सराहना कर रहे हैं।मैने अपने जीवन में कठिन से कठिन आर्थिक और शारीरिक समस्याओं का सामना किया है। जो अभी भी समाप्त नही हुआ है और ना ही मेरा साहित्य से लगाव कम हुआ है। ये उसी जूनून और मेहनत का फल है।
रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा