(रिपोर्टर भूपेंद्रवर्मा)
हापुड़/जनपद की हापुड तहसील के मुरादपुर गांव के छोटे से दलित परिवार में जन्मे बेखौफ शेयर डॉक्टर नरेश सागर ने 2 अप्रैल 2018 को हुए आंदोलन में एससी एसटी समाज के लोगों पर दर्ज किए गए। झूठे मुकदमों को भारत सरकार से वापस लेने की अपील के साथ संघर्ष समिति को सहायता राशि का चेक भेंट किया।
आपको बता दें कि दो अप्रैल 2018 के सामाजिक आंदोलन में दो अप्रैल संघर्ष समिति ने एक विचार गोष्ठी का गणेशपुरा के डा.भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय में आयोजन किया। जिसमें सबसे पहले इस आंदोलन में शहीद हुए जवानों को नमन किया गया।
और इस समिति ने सभी पीडित लोगों के लिए राहत और मुकद्दमा वापिस लेने की भारत सरकार से अपील की गई। आयोजित गोष्ठी के आयोजन कर्ता लोकेश अकेला ने कहा कि हम लोग अपनी पीड़ा लेकर घूम रहे है।मगर समाज के वो लोग जो हमसे वोट लेने आते है। अब हमसे मिलने पर भी कतराने लगे है। वही समिति के अध्यक्ष सभासद एड.विकास दयाल ने कहा कि हम लड रहे है और न्याय मिलने तक लडते रहेंगे। आयोजित गोष्ठी में उपस्थित समाज के प्रतिष्ठित कवि बेखौफ शायर डा.नरेश सागर ने कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष का नहीं था। बल्कि समस्त समाज के अधिकारों की लडाई के लिए था।और इसके लिए समाज को पीड़ित लोगों को सहयोग देना चाहिए।फिर चाहे वो आर्थिक सहयोग हो या फिर राजनीतिक और सामाजिक हर तरह का सहयोग देना चाहिए। डा.नरेश सागर ने भारत सरकार से भी दो अप्रैल के मुकद्दमे वापिस लेने की अपील करते हुए। उन्होंने अपनी दवाईयां ना लेकर समिति को सहयोग राशि भेंट करते हुए कहा कि मैं जिस हाल में हूँ अपने समाज के साथ हूँ।गोष्ठी के मुख्यअतिथि रहे युवा नेता उपकार बाबरा ने कहा कि समाज के राजनीतिक लोग साथ दे तो उनका स्वागत है। नही तो हम अपनी लडाई लड़ने में स्वयं भी सक्षम है।हम लडते रहे है और आखिरी सांस तक लडते रहेंगे। गोष्ठी की अध्यक्षता राम रत्न बौद्ध ने की और मंच संचालन विमल वरूण ने किया। इस अवसर परआयोजित गोष्टी में समाज के पीडित लोग उपस्थित रहे।